अगला दलाई लामा किसी लोकतांत्रिक देश से, भारत ने चीन को चिढ़ाया
Selection of Dalai Lama successor: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि अगला दलाई लामा एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश से होगा, चीन से नहीं। खांडू ने कहा कि दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया किसी वर्तमान दलाई लामा के निधन के बाद ही शुरू होती है। साथ ही उन्होंने आशा जताई और प्रार्थना की कि 14वें दलाई लामा अगले 40 वर्षों तक जीवित रहें।
खांडू ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में कहा- जैसा मैंने कहा कि दलाई लामा का स्वास्थ्य बहुत अच्छा है और इस बार अपने 90वें जन्मदिन समारोह में दलाई लामा ने भी कहा कि वह लगभग 130 वर्ष तक जीवित रहेंगे। इसलिए हम सभी ऐसी प्रार्थना करते हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह 130 वर्ष तक जीवित रहेंगे।
दलाई लामा के अनुयायी हैं खांडू : मुख्यमंत्री स्वयं दलाई लामा के अनुयायी हैं और बौद्ध समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। खांडू ने कहा कि उन्हें अगले दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया, उसके तरीके या विवरण के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन चयन की पूरी एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि सभी नियम तय हैं, सभी प्रक्रियाएं तय हैं। इस बारे में अटकलें लगाने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाने का भी कोई तुक नहीं है कि उनका जन्म कहां होगा, किस क्षेत्र में होगा, भारत में होगा या तिब्बत में होगा। इस मुद्दे पर केवल एक ही स्पष्टता है कि अगले दलाई लामा का जन्म एक स्वतंत्र दुनिया में होगा। और यह बात शायद दलाई लामा ने एक साक्षात्कार में कही है।
दलाई लामा का उत्तराधिकारी चीन से नहीं : यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह संकेत दे रहे हैं कि अगला दलाई लामा चीन से नहीं होगा और कहीं और से हो सकता है, खांडू ने कहा कि हां, निश्चित रूप से चीन से नहीं होगा क्योंकि वहां लोकतंत्र नहीं है। इसलिए जहां कहीं भी लोकतंत्र है... वह दुनिया में कहीं भी हो सकता है। जब उनसे कहा गया कि तिब्बत भी चीन के शासन के अधीन है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह इस देश या उस देश से होगा।
खांडू ने कहा कि अभी यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तो तय है... जहां लोकतंत्र है, जहां लोगों को आजादी है, जहां वे अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। मुझे लगता है कि इस बारे में स्पष्टता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट अगले दलाई लामा की खोज करेगा। उन्होंने कहा कि 15वें दलाई लामा की खोज... पूरी प्रक्रिया वर्तमान दलाई लामा के निधन के बाद ही शुरू होगी। इसलिए इसमें कोई जल्दबाजी नहीं है।
चीन को आपत्ति क्यों होनी चाहिए : दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर चीन की आपत्ति पर खांडू ने कहा कि मुझे नहीं पता कि चीन इस पर आपत्ति क्यों कर रहा है। उनकी अपनी नीति होनी चाहिए। चीन में कोई दलाई लामा परंपरा नहीं है। दलाई लामा परंपरा को मुख्यतः हिमालयी क्षेत्र और तिब्बती बौद्धों द्वारा मान्यता प्राप्त है। चीन की इसमें कोई भूमिका नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलाई लामा परंपरा पहले दलाई लामा से लेकर वर्तमान के 14वें दलाई लामा तक 600 वर्षों से भी अधिक समय से जारी है।
उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या दलाई लामा परंपरा जारी रहेगी और क्या अगली दलाई लामा कोई महिला हो सकती है? खांडू ने कहा कि 14वें दलाई लामा के 90वें जन्मदिन से पहले बौद्ध परंपराओं के सभी प्रमुखों ने बैठक की और पुष्टि की कि यह परंपरा जारी रहेगी। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala