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Last Updated : रविवार, 21 फ़रवरी 2021 (18:28 IST)

ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पर बनी झील की गहराई मापने में मिली कामयाबी

ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पर बनी झील की गहराई मापने में मिली कामयाबी - Measuring the depth of the lake on the Rishiganga has been successful
जोशीमठ। ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पर बनी झील की गहराई मापने में कामयाबी मिल गई है। इसे 8 से 9 मीटर गहरा पाया गया है। नौसेना के गोताखोरों ने झील की गहराई को माप लिया है। झील को लेकर खतरे की सही स्थिति का अंदाजा लगाने को अब वैज्ञानिकों का दल रविवार को मौका मुआयना करने झील के पास पहुंचा है।

ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी इस झील पर नजर रखने को झील क्षेत्र में SDRF ने QDA सिस्टम (क्विक डिप्लोयेबल एंटीना प्रणाली) को आज हवाई मार्ग से जाकर वहां स्थापित कर दिया। QDA स्टैटिक और मोबाइल दो प्रकार का होता है।

प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आपदा के दौरान स्टेटिक Q.D.A को SDRF वाहिनी मुख्यालय जोलीग्रांट, USDMA देहरादून  पर स्थापित किया गया है, जबकि इसके एक अन्य पार्ट को अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थान में स्थापित किया जा सकता है और मोबाइल Q.D.A को तत्काल हेलीकॉप्टर की सहायता से संबंधित क्षेत्रों में भेजकर स्थापित किया जा सकता है।

जहां से  आपदा के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्र की स्थिति एवं नुकसान की जानकारी तत्काल प्राप्त हो सके। साथ ही बचाव हेतु सशक्त योजना के अनेक विकल्प प्राप्त हो सकें। Q.D.A एक प्रकार से नो सिग्नल एरिया से संचार संपर्क बनाने का एक जरिया है।

इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2mtr QDA (V SAT) एंटीना टर्मिनलों और 1.2mtr स्टैटिक (V-SAT very small aperture terminal) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है। यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता हैं, वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वीसैट टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है।
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