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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 25 सितम्बर 2017 (22:04 IST)

बिजली संकट से बिजली सरप्लस की ओर बढ़ा देश : मोदी

बिजली संकट से बिजली सरप्लस की ओर बढ़ा देश : मोदी - Narendra Modi power India
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों की मुश्किलें दूर करने का अपनी सरकार का संकल्प व्यक्त करते  हुए आज इस बात पर अफसोस जताया कि आजादी के 70 साल बाद भी देश चार करोड़ घरों में बिजली नहीं  पहुंच पाई है।  
         
मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती समारोहों के समापन के मौके पर यहां 'प्रधानमंत्री सहज बिजली  हर घर योजना- सौभाग्य' का शुभारंभ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पिछले तीन साल में देश को बिजली  संकट से उबार लिया है, जिससे गरीबों तक भी बिजली पहुंचाना संभव हो रहा है। उन्होंने कहा, गरीब का सपना  मेरी सरकार का सपना है और गरीब की मुश्किलें कम करना, मेरी सरकार का दायित्व। 
         
प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश को आजादी मिलने के 70 साल बाद भी आज 25 करोड़  घरों में से चार करोड़ घरों में बिजली नहीं है और इनमें रहने वाले लोग 18वीं शताब्दी की स्थिति में गुजारा कर  रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए पिछले तीन साल के दौरान कई  कदम उठाए हैं, जिससे देश बिजली संकट से निकलकर बिजली सरप्लस की ओर बढ़ा है। 
        
उन्होंने कहा कि 'सौभाग्य' इसी दिशा में अगली कड़ी है जिसके तहत हर घर तक बिजली पहुंचाई जाएगी।  बिजली कनेक्शन से ही भाग्य बदलेगा और सौभाग्य आएगा। इस योजना से विशेष रुप से महिलाओं पर दबाव  घटेगा।    
       
मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने बिजली से वंचित 18 हजार गांवों में  1000 दिन में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था और अब सिर्फ तीन हजार गांव  ही ऐसे बचे हैं जहां बिजली  नहीं है। तय समय के भीतर यह काम भी पूरा कर दिया जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि यह सरकार की इच्छा शक्ति का प्रतीक है कि हर गांव में ही नहीं बल्कि हर घर में बिजली  पहुंचाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने ढर्रे पर चलकर काम नहीं चल सकता। नए भारत के निर्माण के  लिए नई गति से काम करना जरुरी है। 
 
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय तक कई बार बिजली घरों में एक दिन का ही कोयला बचा होने की  बात ब्रेकिंग न्यूज बन जाती थी लेकिन पिछले तीन साल में ऐसा नहीं हुआ है और यह इस सरकार की नई  नीतियों और नए रवैए से संभव हो पाया है। सरकार ने ऊर्जा के सभी स्रोतों, जलविद्युत, तापविद्युत, परमाणु  ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि से उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम किया है। 
 
उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि  2015 में कोयला खदानों के लिए नया कानून लाने के बाद कोयले का उत्पादन  में कई गुना वृद्धि हुई है। जिस कोयले की नीलामी में करोड़ों का घोटाला हुआ था, उसी कोयले की नीलामी  की  एक पारदर्शी और आधुनिक व्यवस्था इस सरकार ने देश को दी है। यह सरकार की नीति और नियत का  परिचायक है। 
        
उन्होंने कहा कि सरकार बिजली के क्षेत्र में सुलभ, सस्ती, स्वच्छ, सुनियोजित, सुनिश्चित एवं सुरक्षित बिजली  उपलब्ध कराने के छह मूलभूत सिद्धांतों पर काम कर रही है। उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के कथन का  जिक्र करते हुए कहा कि सरकार का मूल्यांकन गरीबों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों से होता है। उनकी  सरकार के समस्त कार्य गरीबों के कल्याण के लिए हैं।    
     
ऊर्जा की लागत कम करने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को  सस्ती बिजली उपलब्ध कराना है। इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा है। देश एक ग्रिड, एक राष्ट्र और एक मूल्य की ओर  बढ़ रहा हैं। 
 
उन्होंने कहा कि बिजली का उत्पादन बढ़ाने के साथ साथ बिजली की खपत कम करने करने के लिए आधुनिक  उपकरणों और तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि एलईडी बल्ब के दाम घटकर  40 रुपए तक आ गए हैं, जो फरवरी 2014 में 310 रुपए था। सरकार ने 26 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब तथा 13 लाख पंखे बांटे है तथा 33 लाख स्ट्रीट लाइट लगाई है। इससे लोगों को 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। (वार्ता)
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