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Last Updated : सोमवार, 4 मई 2015 (12:46 IST)

बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर मोदी सरकार का बड़ा आयोजन (Live)

बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर मोदी सरकार का बड़ा आयोजन (Live) - Narendra Modi- Buddha Purnima
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की राजधानी नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय बुद्ध पूर्णिमा दिवस समारोह के अवसर पर दुनियाभर से आए राजदूतों, सांसदों, शोधकर्ताओं तथा बौद्ध भिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम युद्ध के मार्ग से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ऐसा सिर्फ बुद्ध के मार्ग पर चलकर संभव है। उन्होंने इससे पहले नेपाल में भूकंप की वजह से प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना की।
 

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* व्यक्ति विकास का सबसे बड़ा मंत्र 'अप्प दीपो भव:' दिया।
* बुद्ध के मन में हर पल दलित और वंचितों के लिए चिंता थी।
* जाति प्रथा और ऊंच नीच को लेकर वे काफी संवेदनशील थे।

* विपरीत समय में बुद्ध ने समाज सुधार की बात की।
* बुद्ध की बातों में ज्ञानमार्ग था। तभी दुनिया ने उन्हें स्वीकारा।
* बुद्ध के विचार पूरी दुनिया में फैले हैं।


* बुद्ध एकात्मता का संदेश देते थे।
* परिवार को छोड़ना बताता है कि बुद्ध में कितनी करुणा रही होगी।
* बुद्ध के बिना कभी भी 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं हो सकती है।
* सत्ता और वैभव को छोड़ना बहुत ही कठित होता है।

* युद्ध से मुक्ति पानी है तो वह बुद्ध के मार्ग से ही मिलेगी।
* सत्ता और पर संपत्ति छोड़कर बुद्ध त्याग और संबोधि का रास्ता चुना।
* बुद्ध ने पलभर में सत्ता और वैभव छोड़ा और लोक कल्याण का मार्ग अपनाया।


* भगवान बुद्ध की शिक्षा से नेपाल इस दुख से उबरेगा
* भगवान बुद्ध से प्रार्थना है कि हम सभी नेपाल के आंसू पोंछ सकें

*नेपाल संकट के दौर से गुजर रहा है। नेपाल के दुख दर्द को बांटें
* भगवान बुद्ध की जन्म स्थली भूकंप की तकलीफ से गुजर रही है।


* मोदी ने कहा कि आज इस अवसर पर हम बोझिल महसूस कर रहे हैं क्योंकि जहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ वह देश आज भूकंप की त्रासदी से गुजर रहा है।

* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे।

* गौरतलब है कि इस बार मोदी सरकार ने बुद्ध पूर्णिमा को सरकारी स्तर पर मनाने का फैसला करते हुए दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस बड़े सरकारी कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में 31 देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
 
सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी एक अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का जवाब दे सकते हैं। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकार ने गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू की अगुवाई में बाकायदा आयोजन समिती का गठन किया था। इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों के राजदूतों के देश विदेश के बुद्धिस्ट विद्धानों के साथ प्रार्थना सभा होगी जिसमें भगवान बुद्ध के जन्मस्थल नेपाल, भारत और तिब्बत में आए भूकंप त्रासदी के पीडितों के लिए प्रार्थना की जाएगी और उनके साथ एकजुटता दिखाते हुए हरसंभव मदद का संकल्प लिया जाएगा।
 
यह तीसरा मौक़ा है जब बुद्ध पूर्णिमा पर सरकार ने बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया है सबसे पहले जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने 2500वीं बुद्ध जयंती पर बोधगया में बड़े सरकारी कार्यक्रम का आयोजन किया था और उसके बाद कुशीनगर में 2007 में महात्मा बुद्ध के 2550वें परिनिर्वाण दिवस पर सरकार ने कार्यक्रम का आयोजन किया था।