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Last Updated : शनिवार, 21 जुलाई 2018 (08:37 IST)

राजग सरकार के विकास कार्यों के बावजूद अहंकार के कारण लाया गया अविश्वास प्रस्ताव : मोदी

राजग सरकार के विकास कार्यों के बावजूद अहंकार के कारण लाया गया अविश्वास प्रस्ताव : मोदी - Narendra Modi
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 4 सालों में देश में राजग सरकार के विकास कार्यों के बावजूद अहंकार के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। मोदी ने 2024 में विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहकर यह संदेश देने का प्रयास भी किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर राजग को कोई चिंता नहीं है।
 
 
लगभग 1.30 घंटे के अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया। उन्होंने अपने भाषण में लगभग पूरे समय निशाने पर कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार को रखा।
 
लोकसभा में विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में देश में हुए विकास के इतने कार्यों के बावजूद अहंकार के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है और यहां से कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विशेष निशाना साधा।
 
 
उन्होंने शुक्रवार सुबह गांधी द्वारा अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा कि उनका एक ही मकसद है- मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय-पराजय का फैसला भी नहीं हुआ था लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो-उठो।
 
उन्होंने कहा कि यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने बैठाया है। सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है? उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।
 
 
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मत-विभाजन के दौरान राजग की सहयोगी शिवसेना के अलावा बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सदन से वॉकआउट किया। अन्नाद्रमुक ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आंखों में आंखें नहीं डाल पाने संबंधी टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक गरीब मां का बेटा, पिछड़ी जाति से आने वाला नरेन्द्र मोदी ऐसा साहस कैसे कर सकता है?
 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने देखा है कि आंखों में आंख डालने पर सुभाषचन्द्र बोस के साथ क्या हुआ, चौधरी चरण सिंह के साथ क्या हुआ, जयप्रकाश नारायण के साथ क्या हुआ, मोरारजी देसाई के साथ क्या हुआ, सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ क्या हुआ? उन्होंने कहा कि आंख में आंख डालने वालों को ठोकर मारकर बाहर कर दिया गया।
 
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आप तो नामदार हैं, मैं तो कामगार हूं। हम आपकी आंखों में आंख कैसे डाल सकते हैं? उन्होंने कहा कि आंखों का खेल पूरे देश ने देखा है। आंखों की बात करके आंख की हरकत पूरे देश ने देखी है। आंखों की बात करके सत्य को पूरी तरह से कुचला गया है।
 
 
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि मैं प्रार्थना करूंगा कि साल 2024 में ईश्वर आपको इतनी शक्ति दे कि आप फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएं। मेरी आपको शुभकामनाएं। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उनका एक ही मकसद है कि मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।
 
उन्होंने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए देश के मन पर, देशवासियों के आशीर्वाद पर कम से कम अविश्वास न करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना तुष्टिकरण के, बिना वोटबैंक की राजनीति के हम 'सबका साथ-सबका विकास' के मंत्र के साथ राजनीति करते हैं। पिछले 4 सालों में उस वर्ग के लिए काम किया जिसके पास चमक-धमक नहीं थी।
 
 
मोदी ने राहुल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे, तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे। मैं खड़ा भी हूं और 4 साल जो काम किए हैं, उस पर अड़ा भी हूं। वे चौकीदार भी हैं और भागीदार भी लेकिन सौदागर और ठेकेदार नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे गरीबों एवं युवाओं के सपनों के भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में नहीं होती है तब अस्थिरता और अफवाह फैलाने का काम करती है।
 
 
तेदेपा और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है। भले ही यह तेदेपा के माध्यम से आया हो लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ अन्य सदस्यों ने भी इसके समर्थन में बात कही है, तो एक बड़े वर्ग ने इसके विरोध में कुछ बात कही है।
 
 
उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले 4 सालों में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं। इससे हमें अपनी बात करने का मौका तो मिल ही रहा है, साथ ही देश को देखने को मिल रहा है कि विपक्ष में कैसी नकारात्मकता है, विकास के प्रति कितनी नकारात्मक सोच है। उन सबका चेहरा निखर व सज-धजकर बाहर आया है।
 
 
उन्होंने कहा कि कभी तो लगता है कि शुक्रवार को उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है। यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं। अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया। विपक्ष को हमारे इतने सारे विकास कार्यों, योजनाओं पर विश्वास नहीं है।
 
राफेल सौदे को लेकर राहुल के बयान के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो यह बचकाना रवैया नहीं अपनाएं। उन्होंने कहा कि यह समझौता जिम्मेदार सरकारों के बीच और पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह की बात करना ठीक नहीं है।
 
 
उन्होंने कहा कि नामदार के आगे तो मैं इसके संबंध में प्रार्थना ही कर सकता हूं। देश के सेनाध्यक्ष के बारे में बात की जाती है, जो ठीक नहीं है। जो देश के लिए मर मिटने को तत्पर होते हैं, उनके बारे में इस तरह की बात करना ठीक नहीं है।
 
'जुमला स्ट्राइक' शब्द के इस्तेमाल पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आप सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक बता रहे हो। आपको अगर गाली देना है, तो मोदी तैयार है लेकिन देश के जवानों के पराक्रम पर प्रहार नहीं करें। सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना जुमला स्ट्राइक से करना देश की सेना का अपमान है। मोदी ने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है।
 
 
रोजगार का जिक्र करते प्रधानमंत्री ने कहा कि सितंबर 2017 से मई 2018 तक 9 महीनों में संगठित क्षेत्र में 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। 1 साल के लिए यह आंकडा जोड़ें, तो यह संख्या 70 लाख होगी। संगठित और असंगठित क्षेत्र में 1 साल में 1 करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है और यह एक स्वतंत्र एजेंसी का आंकड़ा है। (भाषा)