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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015 (17:31 IST)

भारत की प्रगति के लिए केंद्र-राज्य मिलकर करें काम : मोदी

भारत की प्रगति के लिए केंद्र-राज्य मिलकर करें काम : मोदी - Narendra Modi
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए राज्यों को भी साथ लेकर चल रही है और भारत अकेले दिल्ली ही नहीं, बल्कि सभी राज्यों के मजबूत कंधों की मदद से आगे बढ़ सकता है।

मोदी ने यहां 'हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मेलन' के उद्घाटन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत केवल दिल्ली से प्रगति नहीं करेगा।

मोदी ने केंद्र में राज्यों के लिए विशेष विभाग बनाए जाने समेत उन कई कदमों का जिक्र किया, जो उनकी सरकार ने राज्यों को साथ लेकर चलने के लिए उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति में राज्यों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति में राज्यों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत अकेले दिल्ली ही नहीं, बल्कि केवल राज्यों के मजबूत कंधों के सहारे आगे बढ़ सकता है। यदि हम कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो हमें स्वत: की इसके परिणाम मिलने लगेंगे तथा यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया हमारे राज्यों और उनकी ताकत के बारे में जाने।

प्रधानमंत्री ने 40 मिनट के अपने भाषण में कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को मिला निर्णायक जनादेश देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि स्थायी सरकार होना एक बहुत बड़ी बात है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खंडित जनादेशों में हमेशा अनिश्चितता की स्थिति बनी रहती है। उनकी सरकार के पिछले साल मई में कार्यभार संभालने से पहले सभी जगह निराशा का माहौल था।

मोदी ने राज्यों, खासकर पूर्वी क्षेत्र में विकास के लिए उनकी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र ने बिहार में रेल इंजनों के निर्माण के दो बड़े संयंत्र लगाने को हाल में मंजूरी दी है।

उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि यह निर्णय राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद लिया गया है। भाजपा को वहां नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन के हाथों करारी हाथ का सामना करना पड़ा था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में अच्छे विचारों की कोई कमी नहीं है लेकिन सफलता के लिए उनके सही क्रियान्वयन की आवश्यकता है और वे उसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

उन्होंने 100 शहरों में एलईडी लाइट को प्रोत्साहित करने और सार्वजनिक क्षेत्रों में कार्य-संस्कृति को बदलने और लक्षित सबसिडी देने समेत विकास को आगे बढ़ाने और बचत के लिए सरकार की ओर से की जा रही विभिन्न पहलों का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर दु:ख प्रकट किया कि यदि उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्रों में विनिवेश किया होता और सबसिडी कम की होती तो सुधारवादी कई दिनों तक उनकी प्रशंसा करते और तालियां बजाते लेकिन वे इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे कि वे अलग तरीके से चीजें करके समान परिणाम हासिल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि मैं सबसिडी कम करता हूं तो सुधारवादी कहकर मेरी प्रशंसा की जाएगी लेकिन हम सबसिडी का लक्षित वितरण करते हैं तो इसे सुधार के तौर नहीं देखा जाता।

मोदी ने कहा कि उनकी अपील पर 40 लाख परिवारों ने एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सबसिडी छोड़ दी है और उनकी सरकार ने इससे हुई बचत का उपयोग ज्यादा से ज्यादा गरीब परिवारों को सिलेंडर देने के लिए किया है।

उन्होंने एलईडी लाइट को प्रोत्साहित करने के लिए 100 शहरों के साथ केंद्र की ओर से समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे 21,500 मेगावॉट बिजली की बचत होगी।

उन्होंने श्रोताओं से कहा कि यदि मैंने 21,500 मेगावॉट की नई विद्युत परियोजना की घोषणा की होती तो यह खबर मीडिया में सुर्खियों में होती। इस कारखाने को लगाने में 1.25 लाख करोड़ रुपए की लागत लगती। मैंने भी वहीं परिणाम हासिल किए हैं लेकिन मेरे इस काम को उतनी तवज्जो नहीं मिली।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने विद्युत उत्पादन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्षों से लंबित 85 से अधिक बड़ी परियोजनाओं में से 60 से 65 परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि कहा कि सरकारी फर्मों का पुनर्गठन ऐसा विकल्प है जिस पर सरकार विचार कर सकती है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में सुधारवादी कहेंगे कि आप विनिवेश करो। (यदि आप करते हैं तो वे कहेंगे) इस सरकार ने ‘बहुत अच्छा’ काम नहीं किया है। यदि हड़ताल होती है तो मुख्य पृष्ठ पर एक फोटो के साथ छपा होगा ‘मोदी मुर्दाबाद, मोदी मुर्दाबाद’। हम घाटे में चल रही जहाजरानी कंपनियों को लाभ की स्थिति में लेकर आए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हमारे पास चीजों में सुधार करने के केवल दो ही तरीके हैं? पहला यह कि या तो विनिवेश किया जा या उन्हें बंद कर दिया जाए, लेकिन एक तीसरा तरीका भी है कि उनकी कार्य- संस्कृति में बदलाव किया जाए, दक्षता लाई जाए और उन्हें अराजनीतिक बनाया जाए और हम चीजों को बदल सकते हैं।

मोदी ने ठप्प पड़ी परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि करीब 85 बड़ी परियोजनाएं ऐसी थीं जिनका काम बंद पड़ा था।

उन्होंने कहा कि उनकी आधारशिला का भी कोई अता-पता नहीं था तथा मैंने उनकी समीक्षा की और मैं आपको बता सकता हूं कि 60 से 65 परियोजनाओं ने संतोषजनक रूप से काम करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में दाभोल विद्युत संयंत्र ने भी काम करना शुरू कर दिया है और वहां विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। वहां पिछले 2 वर्षों से काम नहीं हो रहा था।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने उर्वरकों के लिए दी जानी वाली सबसिडी में लीकेज पर लगाम लगाने और इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उर्वरकों पर 80,000 करोड़ रुपए की सबसिडी दी जाती है। किसी ने यह जांच नहीं की कि यह यूरिया किसानों को मिलता है या नहीं? सबसिडी पर मिलने वाला यूरिया रासायनिक उद्योगों के लिए कच्चा माल है इसीलिए रासायनिक उद्योग सबसिडी पर मिले यूरिया की चोरी करते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके बाद वे इसे तैयार करते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं और (करोड़ों रुपए की सबसिडी लेने के लिए) किसानों के नाम की मदद लेकर ऐसा किया जाता है। इसे कैसे रोका जाए? हमने यूरिया पर नीम का 100 प्रतिशत लेप लगाने का निर्णय लिया। ऐसा किए जाने के बाद इसे खेती के अलावा किसी और काम में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। हमने देश में उत्पादित यूरिया को पहले ही नीम लेपित कर दिया है और 2 महीनों में आयातित यूरिया के साथ भी ऐसा ही किया जाएगा।

मोदी ने श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि हमने यूरिया की चोरी पर लगाम लगाई है और यदि सुधारवादियों को लगता है कि यह सुधार है तो उन्हें यह कहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने चंडीगढ़ को मिट्टी का तेलरहित शहर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। करीब 30 लाख लीटर मिट्टी का तेल चंडीगढ़ के पास जाता है जिस पर 3.5 लाख करोड़ रुपए की सबसिडी दी जाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने तकनीक का इस्तेमाल किया और पाया कि 80 प्रतिशत मिट्टी का तेल उन लोगों के पास जाता ही नहीं जिन्हें इसकी जरूरत होती है। यह कहीं और जा रहा था। हमने निर्णय लिया कि जिन परिवारों के पास गैस कनेक्शन हैं, उन्हें मिट्टी का तेल नहीं दिया जाएगा। साथ ही हमने उन 3,200 गरीब परिवारों को मिट्टी का तेल देने का निर्णय लिया जिन्हें पहले यह नहीं मिल रहा था।

मोदी ने कहा कि वैश्विक मंदी, विशेषकर चीन और यूरोजोन में मंदी के बीच, भारत अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषकर ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने कारोबार करने के अनुकूल माहौल बनाने वाली पहलों की दिशा में कमाल करके दिखाया है। ये वे राज्य हैं, जो उपेक्षा के शिकार थे। इसका अर्थ यह हुआ कि राज्यों में विकास पथ पर केंद्र के साथ मिलकर चलने के लिए नई ऊर्जा और विश्वास है।

उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम इस बात को समझें (कि राज्य अलग हैं और उनमें विकास की क्षमता एवं महत्वाकांक्षा है)। यही वजह है कि विदेश मंत्रालय में एक अलग विभाग बनाया गया है ताकि वे वैश्विक नेताओं के साथ संवाद कर सकें।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत एक इतना बड़ा देश है, जो दिल्ली से नहीं चलाया जा सकता। रुपए की मजबूती का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि लंदन स्टॉक एक्सचेंज में भारतीय रेलवे में निवेश के लिए पहली बार रुपए के बॉण्डों को मंजूरी मिली और अब दुनिया में कोई भी भारतीय रुपए में निवेश कर सकता है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश के उन 18,000 गांवों तक बिजली पहुंचाने की कोशिश कर रही है, जहां बिजली के खंभे तक नहीं लगे थे। मोदी ने लोगों से यह भी कहा कि वे बिजली पहुंचाने की इस प्रक्रिया की मौजूदा स्थिति का पता लगाने के लिए मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करें।

उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा के 1,000 दिन के भीतर पूरी हो जानी है।

उन्होंने कहा कि इस घोषणा को 100 दिन से ज्यादा हो चुके हैं और मैं खुशी के साथ आपसे यह कह सकता हूं 3,004 गांवों को बिजली मिल गई है तथा ये बदलाव रातोरात नहीं आए हैं। ये उनकी सरकार की मेहनत का नतीजा हैं। (भाषा)