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Last Updated : बुधवार, 3 सितम्बर 2014 (14:02 IST)

100 दिन सत्ता के, ज्यादातर लोग मोदी से संतुष्ट...

100 दिन सत्ता के, ज्यादातर लोग मोदी से संतुष्ट... - Narendra Modi
नेटवर्क-18 के लिए टुडेज़ चाणक्य का सर्वे
 
नई दिल्ली। देश की जनता मोदी सरकार के 100 दिन के काम से पूरी तरह संतुष्ट है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज और तौर-तरीकों को प्रभावी और उद्देश्यपूर्ण मानती है। इसके अलावा लोगों का ये भी मानना है कि एनडीए सरकार ने पहले सौ दिन में ऐसे कदम उठाए हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आती लग रही है।
 
ये नतीजे आए हैं नेटवर्क-18 के लिए किए गए टुडेज़ चाणक्य के देशव्यापी सर्वे में। एजेंसी ने यह सर्वे मोदी सरकार के सौ दिन के आखिरी सप्ताह में देश के 12 राज्यों के 14 शहरों में किया। सर्वे में 18 वर्ष के ऊपर 6 हजार से ज्यादा लोगों से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर राय ली गई।
 
देश में हर तीन में से दो भारतीय नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन के कामकाज से संतुष्ट हैं। सर्वे में 66 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार के कामकाज को संतोषजनक बताया। इसके अलावा आधे से ज्यादा देश यानी 54 फीसदी लोग मानते हैं कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए नरेंद्र मोदी सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। सिर्फ 24 फीसदी लोग ऐसे हैं जो ऐसा नहीं मानते हैं। 
 
लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास का नारा दिया था और सरकार इस नारे को वास्तविकता में बदलती दिखती है। क्या सरकार के पहले सौ दिन में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ चुकी है? ये सवाल पूछने पर 41 फीसदी लोगों की राय हां में है। इसके अलावा 25 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो इस मुद्दे पर खुलकर तो राय नहीं रखते लेकिन इस सवाल से सहमत नजर आते हैं। 
 
नेटवर्क-18 ने इस सर्वे के लिए टुडेज़ चाणक्य को इसलिए चुना क्योंकि लोकसभा चुनाव में इसी एजेंसी का अनुमान सबसे सटीक साबित हुआ था। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तौर-तरीकों को 41 फीसदी लोग प्रभावी, तेज और उद्देश्यपूर्ण मानते हैं, सिर्फ 8 फीसदी लोग ऐसे हैं जो इससे सहमत नहीं हैं। हर तीन में से 2 भारतीय यानी 68 फीसदी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीके से बिलकुल सही मानते हैं, हालांकि 25 फीसदी लोग मोदी के काम करने के तरीके को सही नहीं मानते हैं। 83 फीसदी लोगों की राय में नरेंद्र मोदी का सरकार पर नियंत्रण है और हर मुद्दे पर उनकी पकड़ मजबूत है। 
 
बीते कई सालों से देश महंगाई से त्रस्त रहा है....सर्वे में जब ये सवाल पूछा गया कि मोदी सरकार ने पहले सौ दिन में इस मोर्चे पर क्या किया तो 48 फीसदी की राय थी कि महंगाई के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी को और सख्त होने की जरूरत है। इसके अलावा 69 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी सरकार के पहले सौ दिन में महंगाई पर नियंत्रण या तो बेहतर हुआ है या जस का तस है। सिर्फ 27 फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जो मानते हैं कि महंगाई पर नियंत्रण बेकाबू हुआ है।
 
नरेंद्र मोदी की भाषण कला और लोगों से सीधे संवाद की प्रशंसा तो उनके राजनीतिक विरोधी भी करते रहे हैं। यही सवाल जब सर्वे में लोगों से पूछा गया तो 50 फीसदी लोगों ने माना कि मोदी का लोगों से संवाद प्रभावी होता है। सिर्फ 8 फीसदी लोग मानते हैं कि मोदी लोगों से संवाद नहीं कर पाते। तो क्या बीजेपी को और ज्यादा सीटें मिलेंगी अगर अभी चुनाव हो जाएं...सवाल के जवाब में 51 फीसदी लोगों की राय थी कि हां, मोदी सरकार की सीटें बढ़ेंगी। सिर्फ एक चौथाई लोग ऐसा नहीं मानते।
 
कांग्रेस के बारे में क्या कहता है यह सर्वे... पढ़ें अगले पेज पर....
 
 

आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर लोगों की नजर में मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है। 63 फीसदी यानी हर चार में से तीन लोगों का मानना है कि मोदी सरकार के पहले सौ दिन में नक्सल हिंसा की घटनाओं में या तो कमी आई है या जस की तस है। सिर्फ 15 फीसदी लोग ही मानते हैं कि नक्सली हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। 43 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी सरकार के सौ दिन में देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, सिर्फ 14 फीसदी इस बात से सहमत नहीं हैं। 
 
शपथग्रहण के दौरान सार्क नेताओं को न्योता देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों से रिश्तों और विदेश नीति की झलक दिखाई थी। विदेश नीति के मुद्दे पर देश नरेंद्र मोदी की नीतियों के साथ खड़ा नजर आता है। 69 फीसदी लोग या तो मोदी सरकार की विदेश नीति को बहुत बढ़िया मानते हैं या बढ़िया। इसके अलावा पाकिस्तान के साथ सख्ती को लोगों ने एक सही कदम माना है। ये पूछने पर कि क्या पाकिस्तान से बातचीत बंद करने का फैसला सही था, तो 54 फीसदी लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया। महज 20 फीसदी लोग ही पाकिस्तान से बातचीत बंद करने को सही नहीं मानते।
 
सर्वे के नतीजे कांग्रेस के लिए सुखद नहीं हैं। सरकार के राजनीतिक फैसलो से भी लोगों ने सहमति जताई है। कांग्रेस दौर के राज्यपालों को हटाए जाने के फैसले को 40 फीसदी लोग सही मानते हैं, सिर्फ 31 फीसदी इसे सही नहीं मानते। इसके अलावा लोकसभा में कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद न देने के फैसले पर भी 44 फीसदी लोग मोदी सरकार के समर्थन में हैं। सिर्फ 30 फीसदी ऐसे हैं जो मानते हैं कि कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद मिलना चाहिए था।
 
राज्य और केंद्र के रिश्ते हमेशा चर्चा और विवाद का विषय रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर पहल करते हुए सभी मुख्यमंत्रियों के साथ टीम इंडिया बनाने की बात कही है। मोदी की इस पहल को 54 फीसदी लोग सही मानते हैं, महज 15 फीसदी ऐसे हैं जिनकी नजर में ये सिर्फ एक हवाई नारा है।