Tahawwur rana news in hindi : मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज ही अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। भारत पहुंचने के बाद कुछ दिन वह एनआईए हिरासत में रहेगा। उसके लिए मुंबई और दिल्ली की 2 जेलों में खास इंतजाम किए गए हैं।
पाकिस्तानी मूल का 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को उसकी भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
तहव्वुर राणा का मुंबई हमले से कनेक्शन : तहव्वुर राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
लश्कर-ए-तैयबा का बना था मददगार : राणा को डेनमार्क में आतंकवादी साजिश में सहायता प्रदान करने से जुड़े एक मामले में तथा मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करने के एक मामले में अमेरिका में दोषी ठहराया गया था। लश्कर मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार है।
इस तरह खुला राणा के भारत आने का रास्ता : पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांछित है और भारत उसके प्रत्यर्पण को लेकर अनुरोध कर रहा था। राणा पर लगाए गए आरोप अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आते हैं।
इधर राणा के लिए भारत प्रत्यर्पित न किए जाने का आखिरी कानूनी मौका था। इससे पहले, वह सैन फ्रांसिस्को में नॉर्थ सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हार गया था।
राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि याचिका को खारिज किया जाता है। इसके बाद 7 मार्च और 7 अप्रैल को उसकी याचिका खारिज हो गई। इस तरह प्रत्यपर्ण से बचने के उसके सारे रास्ते बंद हो गए।
क्या था मुंबई हमला : 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में सिलसिलेवार हमले किए थे जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। इन 10 आतंकवादियों में अजमल कसाब भी शामिल था जिसे जिंदा पकड़ लिया गया था और फिर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। दोषी करार दिए जाने के 2 साल बाद नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा केंद्रीय जेल में उसे फांसी दे दी गई थी।
2 दिन मंबई में रुका था राणा : मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र में मुंबई पुलिस ने उल्लेख किया है कि वह हमलों से पहले 21 नवंबर तक 2 दिन के लिए पवई उपनगर में स्थित रेनेसां होटल में ठहरा था। आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि तहव्वुर हुसैन राणा 11 नवंबर, 2008 को भारत आया था और 21 नवंबर तक देश में रहा।
राणा का मुंबई हमले से कनेक्शन : राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हेडली को भारतीय पर्यटक वीजा दिलाने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि राणा ने कथित तौर पर 26/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा को हेडली और राणा के बीच ई-मेल संवाद मिला है।
उन्होंने कहा कि 26/11 के आतंकवादी हमलों से संबंधित ई-मेल में से एक में हेडली ने मेजर इकबाल की ई-मेल आईडी के बारे में पूछा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए काम करने वाले मेजर इकबाल को 26/11 आतंकी साजिश मामले में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
edited by : Nrapendra Gupta