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Last Modified: गुरुवार, 1 सितम्बर 2022 (19:05 IST)

देश के खिलाफ अपराध के लिए 5100 से भी ज्यादा मामले हुए दर्ज

देश के खिलाफ अपराध के लिए 5100 से भी ज्यादा मामले हुए दर्ज - More than 5100 cases registered for crimes against the country
नई दिल्ली। पिछले साल राजद्रोह, शासकीय गोपनीयता अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम समेत राष्ट्र के खिलाफ विभिन्न अपराध के आरोप में 5 हजार 164 मामले, यानी हर दिन औसतन 14 मामले दर्ज किए गए।
 
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ‘भारत में अपराध-2021’ रिपोर्ट के अनुसार 2020 और 2019 की तुलना में 2021 में मामलों में कमी देखी गई, जब क्रमश: 5,613 और 7,656 मामले दर्ज किए गए थे। एनसीआरबी गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
 
ऐसे 5,164 नए मामलों के अलावा, पिछले साल लंबित 8,600 मामलों की जांच की गई और तीन मामलों को जांच के लिए फिर से खोला गया। एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि इससे 2021 में लंबित मामलों की कुल संख्या 13,767 हो गई।
 
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले : आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल ऐसे कुल मामलों में से 79.2 प्रतिशत मामले सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम (4,089 मामले) के तहत दर्ज किए गए थे, इसके बाद 814 मामले (15.8 प्रतिशत) गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किए गए थे।
 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 में देश भर में आरोप पत्र दाखिल करने की दर 78 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में ‘राष्ट्र के खिलाफ अपराध’ श्रेणी के तहत अधिकतम 1,862 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए, जो 2020 में 2,217 और 2019 में 2,107 थे।
 
आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु (654), असम (327), जम्मू कश्मीर (313) और पश्चिम बंगाल (274) का स्थान है, जहां राष्ट्र के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध दर्ज किए गए। दिल्ली में पिछले साल इस तरह के 18 मामले दर्ज किए गए।
 
पिछले साल पूरे देश में, राजद्रोह के कुल 76 मामले (भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत), यूएपीए के तहत 814 मामले और शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत 55 मामले दर्ज किए गए थे।
 
एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्र के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम (4,078 मामले) के तहत दर्ज किए गए।
 
राजद्रोह के सबसे ज्यादा मामले आंध्र प्रदेश में : राजद्रोह के सबसे ज्यादा मामले आंध्रप्रदेश (29) में इसके बाद मणिपुर और नगालैंड (प्रत्येक में 7-7), हरियाणा (5), दिल्ली (4) और उत्तर प्रदेश तथा असम (3-3 मामले) में दर्ज किए गए। यूएपीए के सबसे ज्यादा मामले मणिपुर (157) में, इसके बाद असम (95), झारखंड (86), उत्तर प्रदेश (83), जम्मू कश्मीर (289), दिल्ली (5) में दर्ज किए गए।
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