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Last Updated : मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019 (00:53 IST)

आयकर विभाग का दावा, दिल्ली में 20 हजार करोड़ रुपए के हवाला कारोबार का पता लगाया

Money laundering। आयकर विभाग का दिल्ली में 20 हजार करोड़ रुपए के हवाला कारोबार का पता लगाने का दावा - Money laundering racket exposed
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने सोमवार को हवाला कारोबार के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया। यह गिरोह राष्ट्रीय राजधानी में करीब 20 हजार करोड़ रुपए का मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट चला रहा था।

विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पुरानी दिल्ली के विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों में पिछले कुछ सप्ताह के दौरान आयकर विभाग की दिल्ली जांच इकाई ने कई छापेमारी और सर्वेक्षण किए।
 
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन छापेमारी से हवाला कारोबार के 3 समूहों द्वारा अवैध वित्तीय गतिविधियों में लिप्त होने का पता चला। अधिकारी ने कहा कि नया बाजार इलाके में एक ऐसा ही सर्वे किया गया जिसमें करीब 18 हजार करोड़ रुपए के फर्जी बिल मिले।

समूह ने फर्जी बिल उपलब्ध कराने के लिए कई फर्जी इकाइयां बनाई हुई थीं, हालांकि विभाग ने आरोपियों की पहचान का खुलासा नहीं किया।
 
अधिकारी ने कहा कि दूसरे मामले में एक बेहद संगठित मनी लॉन्ड्रिंग गिरोह का पता चला। ये लोग बड़ी कंपनियों के शेयरों को धोखाधड़ी के जरिए वर्षों से रखे गए पुराने शेयर बताकर बेच रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरीके से दीघकालिक पूंजीगत लाभ का फर्जी दावा कर पैसे कमाए जा रहे थे।
 
अधिकारियों का अनुमान है कि इस तरीके से 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया गया। अधिकारी ने कहा कि यह छोटा हिस्सा भर है। धोखाधड़ी का यह तरीका कई साल से इस्तेमाल किया जा रहा था। विभाग को इसी तरह एक अन्य समूह का भी पता चला जिनके पास अघोषित विदेशी बैंक खाता पाया गया। यह समूह निर्यात का कीमत से अधिक बिल बनाकर जीएसटी के तहत फर्जी दावा भी करते थे।
 
अधिकारी ने कहा कि शुरुआती अनुमान के अनुसार ये फर्जी निर्यात 1,500 करोड़ रुपए से अधिक के हैं। छापेमारी करने वाले दल को करीब 100 करोड़ रुपए के हस्ताक्षर किए गए तथा बगैर हस्ताक्षर के दस्तावेज, समझौते, अनुबंध, नकदी कर्ज और उस पर अर्जित ब्याज, वित्तीय विवादों का नकद के बदले निस्तारण तथा इनके एवज में पैसे लेने की रसीदें आदि मिली हैं।

तीसरे मामले की जांच में विदेश में लोगों को विदेशी यात्रा कराने तथा विदेशी मुद्रा उपलब्ध कराने के भी सबूत मिले हैं। उसने कहा कि इन मामलों में कर चोरी की कुल राशि करीब 20 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान है। 
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