सारी दुनिया का धर्म एक ही है : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि पंथ ओर संप्रदाय अलग-अलग हो सकते हैं, मगर सारी दुनिया का धर्म एक ही है। भागवत ने कहा कि धर्म अलग-अलग समय में अलग-अलग तरह से बताया गया है। सब दिखते भी अलग-अलग हैं लेकिन उनका मकसद एक ही है। यदि धर्म का अंत होगा तो सृष्टि समाप्त हो जाएगी।
भागवत ने सहारनपुर जिले के सरसावां कस्बे में श्रीकृष्ण मन्दिर के भूमि पूजन कार्यक्रम को विशेष अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा, सारी दुनिया का धर्म एक ही है। धर्म अलग-अलग समय में अलग-अलग तरह से बताया गया है। सब दिखते भी अलग-अलग हैं लेकिन धर्म एक ही है। उनका मकसद एक ही है। हम सब एक हैं और एक ही रहेंगे।
उन्होंने कहा, संत भी अलग-अलग संप्रदाय के होते हैं लेकिन भीतर से सब एक हैं। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करता है। पूरी सृष्टि को धर्म की आवश्यकता है। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है। हम सभी से दोस्ती का भाव लेकर चलते है। यदि धर्म का अंत होगा तो सृष्टि समाप्त हो जाएगी।
संघ प्रमुख भागवत ने गुरुवार को सहारनपुर के सरसावा पहुंचकर श्री कृष्ण ज्ञान मन्दिर के भूमि पूजन एवं संत सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। वहीं सहारनपुर की पंत विहार कॉलोनी स्थित श्री कृष्ण ज्ञान मन्दिर के रजत जयंती महोत्सव में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि संतों के सम्मेलन से हमारा जीवन बदलेगा। पूरी दुनिया में शान्तिपूर्ण माहौल बनेगा।
सहारनपुर के सरसावां में विश्व स्तरीय श्रीकृष्ण मन्दिर बनाया जा रहा है। अभी दो बीघा भूमि में मन्दिर का शुभारम्भ हो रहा है; भविष्य में मन्दिर का दायरा और अधिक बढ़ाया जा सकता है। भागवत के कार्यक्रम के मद्देनजर जिला प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किए थे। इन कार्यक्रमों के बाद सर संघचालक दिल्ली रवाना हो गए।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour