पुलवामा हमले पर आज सर्वदलीय बैठक, क्या होगा भारत का अगला कदम?
जम्मू कश्मीर में श्रीनगर से 20 किलोमीटर पहले पुलवामा के अवंतीपुरा में गुरुवार को हुए आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले के बाद से देशभर लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। मोदी सरकार ने शनिवार सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सरकार सभी दलों को ये बताएगी कि पुलवामा हमले के बाद उनका अगला कदम क्या होगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला लिया गया। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार इस हमले के बाद उठाए जाने वाले किसी भी कदम से पहले विपक्षी दलों को भी विश्वास में लेना चाहती है।
इससे पहले आतंकी हमले के बाद कोई सर्वदलीय बैठक सितंबर 2016 में हुई थी। यह बैठक में LoC पर हुए सर्जिकल स्ट्राइक से ठीक पहले हुई थी। हालांकि तब इस बैठक में विपक्षी दलों की राय नहीं ली गई थी, बल्कि उन्हें सिर्फ अगले कदम की जानकारी दी गई थी।
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि पूरा का पूरा विपक्ष, देश और सरकार के साथ खड़ा है। राहुल के साथ ही अन्य विपक्षी नेताओं ने भी अपने बयान में कहा है कि वे इस मामले में सरकार के साथ है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिला में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए हमले के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए गए। पुलवामा हमले में शहीद जवानों के शव श्रीनगर से दिल्ली लाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और विपक्ष के कई नेताओं ने एयरपोर्ट पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
देशवासी चाहते हैं बदला : इस हमले के बाद देशवासी इस कदर भड़क उठे हैं कि वे बदला लेने की मांग कर रहे हैं और वे यह भी चाहते हैं कि हमारे 40 बहादुर जवान शहीद हुए हैं, बदले में हमें दुश्मन के 140 सिर चाहिए। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, वाराणसी, भोपाल, इंदौर, बीकानेर, धर्मशाला, देहरादून, गोरखपुर, इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, शाहजहांपुर आदि प्रमुख शहरों में लोगों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। स्वेच्छा से लोग अपने घरों से निकले और उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद जवानों को नम आंखों से याद करके श्रद्धांजलि दी और फिर पाकिस्तान मुर्दाबाद के साथ उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज जलाने शुरू करके विरोध प्रदर्शित किया।