मोदी ने इसराइली सेना से क्यों की भारतीय सेना की तुलना...
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में घुसकर किए गए लक्षित हमलों से प्रधानमंडी नरेंद्र मोदी बेहद खुश है और उन्होंने इस हमले की तुलना इसराइली अभियानों से की है। आखिर मोदी ने भारतीय सेना की तुलना इसराइल से क्यों की? यह सवाल भी लोगों के मन में रह रह कर कौंध रहा है। लोग मोदी के बयान में छिपी भावनाओं को भी पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
लोगों का मानना है कि ऐसा कहकर मोदी ने न सिर्फ सेना का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि परोक्ष रूप से दुश्मनों को यह संदेश भी देने की कोशिश की है कि अब भारतीय सेना इस तरह की कार्रवाइयों को अंजाम देती रहेगी। क्योंकि इसराइल की सेना किसी भी हमले के बाद तत्काल पलटवार करती है। संभव है कि मोदी का इशारा भी इस ओर हो कि अब कोई भी हमला हुआ तो सेना उसका तत्काल जवाब देगी।
मोदी का यह कहना बिल्कुल सही है क्योंकि भारतीय बलों ने जिस तरह से आतंकियों पर पलटवार किया है उसमें निश्चित तौर इसराइली सेना द्वारा अमूमन दिखाई जाने वाली आक्रामकता की झलक मिलती है।
इस तरह के हमलों में इसराइल की सेना विशेषज्ञ मानी जाती है। सटीक निशानों से वे अपने दुश्मन को तबाह कर देते हैं। उनकी इसी विशेषता की वजह से दुश्मन देशों के जवानों में उनका खौफ स्पष्ट दिखाई देता है।
भारतीय सेना ने भी इस बार पाक में बंकरों में बेखौफ रह रहे आतंकियों पर अचानक हमला कर उनमें खलबली मचा दी। आतंकियों के साथ ही पाकिस्तानी सेना भी इस कार्रवाई से दंग रह गई और वहां की सरकार और सेना में अघोषित जंग शुरू हो गई।
भारतीय सेना का यह पराक्रम भारतीय सूचनातंत्र की मुस्तैदी के साथ ही उसके जवानों के शौर्य का प्रतीक है। उसके जवानों ने इस बात को साबित कर दिया कि उसे अगर सर्जिकल हमलों की छूट दी जाए तो वह आतंकियों को छठी का दूध याद दिला सकते हैं।