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Last Modified: शुक्रवार, 15 नवंबर 2024 (08:30 IST)

TDS से बचने के लिए कब भरना होता है फॉर्म 15H और फॉर्म 15G

TDS से बचने के लिए कब भरना होता है फॉर्म 15H और फॉर्म 15G - Why should you submit 15G, 15H for income tax returns
ITR Filing :  भारतीय नागरिक अपने आने वाले भविष्य के बैंक जमा को सबसे सुरक्षित मानता है। निवेश की दृष्टि से एफडी सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। पर आपको क्या पता है कि ब्याज से मिलने वाली आय पर भी कर लगता है। 
 
ब्याज से आय कितनी करमुक्त : (FD) पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) के लिए छूट सीमा आपके लिए जरूरी है। वर्तमान आयकर नियमों के अनुसार, छूट सीमा जमाकर्ता की आयु और करयोग्य आय के आधार पर अलग-अलग होती है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों की सीमा अलग है।
 
नागरिक के लिए कितनी है आय सीमा : वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर व्यक्तियों के लिए FD पर TDS की छूट सीमा 40,000 रुपए है। अगर किसी वित्तीय वर्ष में FD पर अर्जित ब्याज 40,000 रुपए से कम है तो TDS नहीं काटा जाएगा। दूसरी तरफ वरिष्ठ नागरिकों को उनकी वित्तीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 50,000 रुपए की उच्च छूट सीमा का लाभ मिलता है।
 
ढाई लाख से कम आय पर छूट : जिन व्यक्तियों की कुल करयोग्य आय 2.5 लाख रुपये से कम है, उन्हें अपनी FD पर TDS से पूरी तरह छूट दी गई है। यह छूट कम आय वाले व्यक्तियों के लिए एक राहत है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें अपनी FD पर कर कटौती का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
 
कितना टैक्स और कितना उपकर : फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाला ब्याज, आपके आयकर स्लैब के आधार पर कर के अधीन है। FD ब्याज पर TDS (स्रोत पर कर कटौती) के साथ-साथ कोई भी लागू अधिभार या उपकर लगता है। यदि आपकी कुल वार्षिक आय 10 लाख रुपए से अधिक है, तो आप 30% कर स्लैब में आते हैं। यदि FD पर अर्जित ब्याज 1 लाख रुपए है, तो आपको कर के रूप में 31,200 रुपए देना होंगे (30% आयकर और भुगतान किए गए कर पर 4% उपकर)।
 
अगर आप छूट के दायरे बाहर हैं तो आपको फॉर्म 15H और फॉर्म 15G  जमा करना होगा है। ये फॉर्म केवल एक वित्त वर्ष के लिए ही वैलिड होते हैं। फॉर्म 15जी और 15एच उन लोगों के लिए हैं, जिनका कुल आय पर कोई कर ही नहीं बनता। 
 
क्या है फॉर्म 15H : यह फॉर्म वरिष्ठ नागरिकों के लिए होता है। यानी 60 साल से अधिक उम्र सीमा के लोगों को एफडी कराते समय फॉर्म 15जी भर कर जमा करा देना चाहिए। कोई ग्राहक इन फॉर्म को भरने से चूके जाते हैं तो आप इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर में आकलन वर्ष में टीडीएस क्लेम कर सकते हैं। आयकर विभाग आपको रिफंड कर देंगे।
 
क्या है फॉर्म 15G : जो लोग सीनियर सिटीजन नहीं हैं, उन्हें फॉर्म 15G जमा करना होता है। इस फॉर्म को टैक्स बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस फॉर्म को भरकर आप अपने इनकम पर टीडीएस को कटने से बचा सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस फॉर्म को कुछ शर्तों के आधार पर ही भरा जाता है।
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