बाड़मेर में MiG 21 क्रेश, विमान में लगी थी आग, भामरी गांव बचाने के लिए पायलटों ने दिया बलिदान
बाड़मेर। भारतीय वायु सेना का एक मिग-21 युद्धक विमान गुरुवार रात राजस्थान के बाड़मेर में स्थित भामरी गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में वायुसेना के 2 पायलटों- विंग कमांडर एम. राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल शहीद हो गए। हादसे के बाद गांव में हड़कंप मच गया। हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि पायलटों की सतर्कता से भामरी गांव में बड़ा नुकसान होने से बच गया।
हादसा इतना भयानक था कि एयरक्राफ्ट में मौजूद दोनों पायलटों को बचने का मौका नहीं मिला। यह भी कहा जा रहा है कि पायलटों के प्रयासों की वजह से एयरक्राफ्ट एक खेत में गिरा। जहां ये घटना हुई वहां करीब 15 फीट का गड्ढा हो गया। जहां हादसा हुआ वहां से दूर दूर तक आग ही आग नजर आ रही है।
मीडिया खबरों में ग्रामीणों के हवाले से बताया गया है कि विमान में जब आग लगी तो वह भामरी गांव के ऊपर था। इस विकट स्थिति में पायलट अपनी जान की परवाह ना करते हुए विमान को गांव से 2 किमी दूर ले गए। अगर वे यह कदम नहीं उठाते तो जान माल का बड़ा नुकसान होता।
कुछ ग्रामीणों का कहना है कि प्लेन में आग लगी हुई थी और वह इधर उधर घूम रहा था। इस बीच वह रेत के टीले से टकरा गया। धमाका इतना जोरदार था मानों गांव में कोई बम गिरा हो। कुछ ही देर बाद लोगों ने एक खेत में जलते विमान को देखा। हालांकि आग इतनी भयावह थी कि कोई भी पायलट के पास नहीं जा सका।
वायुसेना के अनुसार दो सीटों वाला मिग-21 विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था और रात में करीब 9:10 बजे भामरी गांव से 2 किमी दूर एक रेत के टिले से टकरा गया। टीले से टकराते ही एक तेज धमाका हुआ और विमान के परखच्चे उड़ गए। साथ ही विमान में सवार दोनों पायलट भी शहीद हो गए।
वायुसेना के एक अधिकारी ने शुक्रवार को दोनों पायलटों के नाम जारी किए और बताया विंग कमांडर राणा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे जबकि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बल जम्मू के निवासी थे। वायुसेना मुख्यालय ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पहले ही कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं।