अब मेडिक्लेम देने में कंपनियां नहीं करेंगी आनाकानी
नई दिल्ली। दिल्ली के एक उपभोक्ता मंच ने बीमा कंपनियों से बिना किसी ठोस कारण के केवल 'झक और तकनीकी आधार' पर दावों को खारिज करने से मना किया है।
उत्तर दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच ने एक दावे पर अपने निर्णय में कहा, ग्राहक आपातकालीन चिकित्सा और चिकित्सा सुविधा के कवर के लिए मेडिक्लेम पालिसी खरीदते हैं। बीमा कंपनियों को बीमा के दावों को झक और तकनीकी आधार पर खारिज नहीं करना चाहिए।
केएस मोही की अध्यक्षता वाले मंच ने फैसला किया कि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. ने संबंधित दावे को हल्के आधार पर खारिज किया। मंच ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह साकेत निवासी केशव शरण को 90,879 रुपए के अलावा 10,000 रुपए का भुगतान करे।
मंच ने कंपनी के इस दावे को खारिज कर दिया कि मरीज का बीमा कवर समाप्त हो गया था और कहा कि पालिसी के नवीनीकरण में कोई देरी नहीं हुई। अपनी शिकायत में शर्मा ने कहा था कि उन्होंने 2,50,000 लाख रुपए की मेडिक्लेम पालिसी ली थी जिसकी वैधता 27 जनवरी 2011 से 26 जनवरी 2012 तक थी। शर्मा ने कहा कि उनकी पत्नी 26 जनवरी 2012 को स्तन कैंसर को लेकर साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में भर्ती हुई थी। बीमा कंपनी ने पालिसी का नवीनीकरण भी तय समय के हिसाब से कर दिया।
हालांकि बीमा कंपनी ने शर्मा के दावे को खारिज करते हुए कहा कि मरीज 26 जनवरी को भर्ती हुईं जो पालिसी समाप्त होने की तारीख थी। मंच ने कहा कि कंपनी ने पालिसी नवीनीकरण की तारीख से पहले 23 जनवरी 2012 को चैक प्राप्त कर लिया था। (भाषा)