बनासकांठा का मसाली बना भारत का पहला सीमावर्ती सौर गांव, 199 घरों में सोलर रूफटॉफ
first solar border village : गुजरात के बनासकांठा जिले के अंतर्गत मसाली गांव भारत का पहला सीमावर्ती सौर गांव बन गया है। यहां प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त योजना के तहत 199 घरों में सोलर रूफटॉप (छतों पर सौर ऊर्जा पैनल) लगाने का काम पूरा हो गया है।
अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 800 की आबादी वाले इस गांव में यह योजना राजस्व विभाग, उत्तर गुजरात विज कंपनी लिमिटेड, बैंकों और सौर ऊर्जा कंपनियों के सहयोग से 1.16 करोड़ रुपए की लागत से क्रियान्वित की गई है। यहां कुल 225.5 किलोवाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जो गांव की आवश्यकता से अधिक है।
यह देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके भविष्य के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा है। जिला प्रशासन के प्रयासों से मसाली पूरी तरह से सौर ऊर्जा आधारित गांव बन गया है। गांव में कुल 119 घरों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए हैं।
इस परियोजना को प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना के तहत 59.81 लाख रुपए का अनुदान, 20.52 लाख रुपये के सार्वजनिक योगदान और 35.67 लाख रुपए की कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधि से कार्यान्वित किया गया है।
भाजपा नेता कुंभज व्यास ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि बनासकांठा के मसाली गांव को देश का पहला सीमावर्ती सौर गांव घोषित किया गया है। पाकिस्तान सीमा से 40 किलोमीटर दूर इस गांव में 800 से ज्यादा लोग रहते हैं।
बनासकांठा के जिलाधिकारी मिहिर पटेल ने कहा कि यह गर्व और खुशी की बात है कि मोढेरा के बाद मसाली को राज्य का दूसरा और देश के सीमावर्ती क्षेत्र का पहला सौर गांव होने का खिताब मिला है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर पहल है और इसका लक्ष्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा प्रदान करना है। इस साल 15 फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया था। (इनपुट भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta