गुरुवार, 5 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Mary Kom, sexual harassment
Written By
Last Modified: मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016 (19:25 IST)

बड़ा खुलासा, मैरीकॉम का भी हुआ था यौन उत्पीड़न...

बड़ा खुलासा, मैरीकॉम का भी हुआ था यौन उत्पीड़न... - Mary Kom, sexual harassment
भारत की सितारा मुक्केबाज ओलंपिक पदक विजेता मैरीकॉम ने सनसनीखेज खुलासा किया है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक मैरीकॉम जब वे 17 साल की थीं तो वे यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थीं। अपने साथ हुए इस यौन उत्पीड़न का खुलासा मैरीकॉम ने खुद अपने बेटों के नाम लिखी चिट्ठी में किया है। 
राज्यसभा सांसद मैरीकॉम के मुताबिक वे एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थीं। पहली बार मणिपुर में। फिर दिल्ली में और फिर हरियाणा के हिसार में। यह वह समय था जब मैरीकॉम बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने के लिए संघर्ष कर रहीं थीं।
 
अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित चिट्ठी में मैरीकॉम ने नौ वर्ष की उम्र वाले अपने दो बेटों और तीन साल की उम्र वाले सबसे छोटे बेटे को सम्बोधित किया है। मैरीकॉम ने अपने बेटों से कहा कि वे उनसे बलात्कार और यौन हिंसा के बारे में बात करना चाहती हैं। मैरीकॉम ने बेटों से कहा है कि वो महिलाओं का सम्मान करें। 
 
उन्होंने अपने साथ हुई एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि मुझे मालूम है कि यह काफी चौंका देने वाली बात इस लिए है, क्योंकि यह घटना ऐसी औरत के साथ घटित हुई जो अपने मुक्के की ताक़त के लिए जानी जाती है। 
 
बताई पूरी कहानी : सुबह के 8.30 बजे मैं रिक्शा में बैठकर अपने ट्रेनिंग कैंप जा रही थी, तभी एक अनजान व्यक्ति ने मुझ पर हमला कर दिया। उसने मेरी छाती पर हाथ लगाया। मुझे बहुत ग़ुस्सा आया. मैंने चप्पल हाथ में लेकर उसका पीछा किया, लेकिन वह भाग गया। 
 
मुझे अफ़सोस है कि उस वक़्त जो कराटे मैंने सीखा था वो भी मेरे काम नहीं आ सका। मैरीकॉम ने अपने बेटों से कहा कि वो उन्हें महिलाओं से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए उसके लिए संवेदनशील बनाना चाहती हैं। मैरीकॉम ने अपने बेटों से नस्लभेद के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह वे नस्लभेद का शिकार होती थीं। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर की महिलाओं को 'चिंकी' कहकर पुकारा जाता है। और हो सकता है कि उनकी मां को भी कोई 'चिंकी' कहकर बुला रहा हो। 
 
 
बेटों को दी यह सीख : 33 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा कि उन्हें एक ओलंपिक मेडल विजेता के साथ ही एक महिला के रूप में भी सम्मान मिलना चाहिए। मैरीकॉम का कहना है कि इतना सबकुछ हासिल करने के बावजूद कुछ मर्दों के लिए औरतें सिर्फ एक जिस्म है। मैरीकॉम ने चिट्ठी में लिखा कि याद रखो मेरे बेटों, तुम्हारी तरह हमारी भी दो आखें हैं। एक नाक है। हमारे जिस्म के हिस्से तुम से कुछ अलग ज़रूर हैं, बस यही सिर्फ इतना सा फ़र्क़ है हमारे तुम्हारे बीच। मर्दों की तरह हम भी सोचने के लिए दिमाग का सहारा लेते हैं। भावनाओं का अहसास करने के लिए दिल का सहारा लेते हैं। हमारी ये नियति नहीं है कि कोई हमारे सीने या नितम्ब पर हाथ लगाए।
 
मैरीकॉम ने चिट्ठी में यह भी कहा कि  यह भी कहा कि यह मायने नहीं रखता कि महिलाएं क्या पहने या कब घर से बाहर निकलें, क्योंकि यह दुनिया उतनी ही महिलाओं की है जितनी मर्दों की। मुझे आज तक यह पता नहीं चल पाया कि किसी महिला को उसकी मर्ज़ी के खिलाफ छूने से मर्दों को क्या महसूस होता है। मैं चाहती हूँ कि जैसे जैसे तुम बड़े हो रहे हो तुम्हे पता चलना चाहिए कि यौन हिंसा और बलात्कार ऐसे अपराध हैं जिनके खिलाफ सख़्त सज़ा मिली चाहिए। जब कभी तुम किसी महिला के साथ छेड़खानी होता हुआ देखो तो तुम उस महिला की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाओ।
ये भी पढ़ें
पाकिस्‍तान की हार से सदमे में हैं मियांदाद...