नई दिल्ली। एक ओर बिहार, असम, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हुई भारी बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अब भी लोगों को तेज बारिश का इंतजार है।
बिहार में स्थिति बेकाबू : नेपाल में हो रही बारिश से बिहार की सभी प्रमुख नदियों के खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण राज्य के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू हो गई है और इससे अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ से करीब 80 लाख लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव के लिए सेना के अलावा तीन हेलीकॉप्टरों को लगाया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ के कारण पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधबुनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिलों के 92 प्रखंड प्रभावित हुए हैं।
असम में भी स्थिति गंभीर : ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस कारण पूरे असम में सड़क यातायात अवरुद्ध है तथा पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के कटिहार अलीपुरद्वार खंडों में कई स्थानों पर रेल पटरियों के जल में डूबे होने के कारण क्षेत्र में रेल यातायात भी बाधित हुआ है। बाढ़ से असम के 32 में से 25 जिले प्रभावित हुए हैं और इस प्राकृतिक आपदा के कारण करीब 33 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
पश्चिम बंगाल में सुधरे हाल : पश्चिम बंगाल में आपदा में मामूली सुधार हुआ है। कुछ इलाकों को छोड़कर पश्चिम बंगाल में मंगलवार को भारी बारिश नहीं हुई। उत्तरी बंगाल की सभी प्रमुख नदियों में जलस्तर में कुछ हद तक कमी आई है। अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक प्रभावित जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में स्थिति में सुधार हुआ है।
नेपाल में भी बाढ़ का कहर : नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 115 हो गई है जबकि 38 लोग अब भी लापता हैं। राहतकर्मियों के मुताबिक नेपाल के 75 में से 26 जिले या तो बाढ़ से या फिर भूस्खलन की चपेट में हैं।
टेलीविजन द्वारा प्रसारित एक वीडियो में लोग छाती तक डूबे पानी में अपने सामानों और मवेशियों के साथ गुजरते दिखाई दे रहे हैं। नेपाली पुलिस के प्रवक्ता पुष्कर कार्की ने कहा कि हम अब बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने और राहत सामग्री वितरण पर ध्यान देंगें। लोगों के पास खाने को कुछ भी नहीं है और ना ही तन ढंकने के लिए वस्त्र, इसलिए हमें उन्हें खाने की सामग्री उपलब्ध कराना और उनके जीवन की रक्षा करना है।
राप्ती नदी के बांध से पानी का रिसाव : नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पहले से ही उफनाई राप्ती एवं रोहिणी नदी का जलस्तर बढ़ने से राप्ती नदी पर बने एक बांध में हो रहे पानी के रिसाव के कारण शहरी क्षेत्र में पानी भरने से अफरा तफरी मची है। गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने बताया कि बांध से पानी के रिसाव के कारण निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है। तटबंध की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर जारी है।
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सूखे से बेहाल : मध्यप्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र आदि राज्यों में मानसून की बेरुखी ने लोगों की पेशानी पर बल ला दिया है। यहां अब भी लोगों को तेज बारिश का इंतजार है। पश्चिमोत्तर क्षेत्र में दक्षिण पश्चिम मानसून के शिथिल पड़ने से अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना नहीं है। नदी-नाले सूखे पड़े हैं। किसान अब भी तेज आसमान की ओर तक रहे हैं। मौसम केन्द्र के अनुसार क्षेत्र में कहीं-कहीं बूंदाबांदी के आसार हैं। उमस के कारण बीमारियां तथा कपास को सफेद कीड़ा लगने की आशंका बढ़ गई है।