मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Maharashtra Political Crisis 10 big points
Written By
Last Updated : मंगलवार, 21 जून 2022 (22:49 IST)

Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे ने CM उद्धव ठाकरे से की बात, सियासी हलचल की 10 बड़ी बातें

Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे ने CM उद्धव ठाकरे से की बात, सियासी हलचल की 10 बड़ी बातें - Maharashtra Political Crisis 10 big points
मुंबई/ सूरत। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार संकट में नजर आ रही है, क्योंकि शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत करते हुए पार्टी के कुछ विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में डेरा जमाया हुआ है। मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने अपने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। शिवसेना ने तब राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया था। विधान परिषद चुनाव में एमवीए को झटका लगने के कुछ घंटों बाद यह घटनाक्रम हुआ है जिसके नतीजे सोमवार रात घोषित किए गए थे। जानिए सियासी हलचल की 10 बड़ी बातें-
1. एक दिन पहले संपन्न विधान परिषद चुनाव में 'क्रॉस-वोटिंग' होने की आशंकाओं के बीच उनके इस कदम से राज्य में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एवीए) सरकार की स्थिरता सवालों के घेरे में आ गई है। हालांकि शिंदे ने फिलहाल अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। चुनाव में भाजपा ने उन पांचों सीटों पर विजय हासिल की जिन पर उसने किस्मत आजमाई थी जबकि उसके पास महज 4 उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए जरूरी वोट थे। शिवसेना और राकांपा के खाते में 2-2 सीटें गईं, वहीं कांग्रेस के 2 उम्मीदवारों में से 1 को हार का सामना करना पड़ा।
 
2. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि भाजपा शासित गुजरात के सूरत शहर में शिंदे के साथ पार्टी के 14 से 15 विधायक हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नितिन देशमुख सहित इनमें से 2 विधायकों को पीटा गया है और देशमुख को दिल का दौरा पड़ा है।
 
3. शिवसेना ने ठाणे से ताल्लुक रखने वाले शिंदे (58) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी समूह के नेता पद से हटा दिया है। संजय राउत ने कहा कि शिंदे जिनके पास शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी विभाग का प्रभार है, उन्हें विधानसभा में शिवसेना समूह के नेता पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह अजय चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। राउत ने अपने पार्टी सहयोगी के खिलाफ लिए गए फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई जरूरी है। संकट में वृद्धि न होने के संकेतों के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट के स्थिति का समाधान निकालने के लिए मंगलवार रात बैठक करने की उम्मीद है। राउत ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने यह भी कहा था कि राजस्थान और मध्यप्रदेश की तरह महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने की भाजपा की कोशिशें कामयाब नहीं हो सकेंगी।
 
4. बगावत के बाद शिवसेना ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए मिलिंद नार्वेकर और रवीन्द्र फाटक को मुंबई से लगभग 280 किलोमीटर दूर सूरत में शिंदे के साथ बातचीत करने और उन्हें मनाने की कोशिश करने का जिम्मा सौंपा। दोनों नेताओं ने शिंदे से की मुलाकात।
 
5. महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से उनकी पार्टी का कोई भी संबंध होने से इंकार किया था। हालांकि उन्होंने कहा था कि अगर शिंदे सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर आते हैं तो भाजपा इस पर 'जरूर' विचार करेगी। पाटिल ने यह भी दावा किया था कि शिवसेना और भाजपा के बीच तल्ख रिश्तों के लिए पूरी तरह से राउत जिम्मेदार हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि राउत राज्य को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं और वे किसी और की तरफ से ऐसा कर रहे हैं।
 
6. दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र में तीसरी बार सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है और उद्धव ठाकरे स्थिति को संभाल लेंगे।
 
7. महाराष्ट्र की 288 सदस्सीय विधानसभा में भाजपा के 106, शिवसेना के 55, राकांपा के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास आघाडी के 3 और समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम व प्रहार जनशक्ति पार्टी के 2-2 विधायक हैं। मनसे, माकपा, पीडब्लूपी, स्वाभिमानी पक्ष, राष्ट्रीय समाज पार्टी, जनसुराज्य शक्ति पार्टी और क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के पास राज्य विधानसभा में 1-1 विधायक हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है।
 
8. एमवीए के अन्य घटक दलों- राकांपा और कांग्रेस के नेताओं ने हालांकि दावा किया था कि राज्य सरकार की स्थिरता पर कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है, वहीं शिवसेवा सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिंदे से संपर्क हो गया है। उन्होंने शिंदे को 'बालासाहेब ठाकरे के वफादार शिवसैनिक' के रूप में वर्णित किया था। शिंदे और शिवसेना के कुछ अन्य विधायकों के अचानक गायब हो जाने के बाद उद्धव को मुंबई में अपने आधिकारिक आ‍वास 'वर्षा' पर पार्टी नेताओं तथा विधायकों की आपात बैठक बुलानी पड़ी थी। वरिष्ठ राकांपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने कहा था कि उनकी पार्टी के विधायक स्थिर हैं। भुजबल और महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने एमवीए सरकार को किसी तरह का खतरा होने की आशंकाओं को खारिज किया था।
 
9. कांग्रेस के मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा था कि उनकी पार्टी शिवसेना के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है तथा जरूरत पड़ी तो एमवीए की बैठक भी की जाएगी। थोराट ने बताया था कि कांग्रेस के सभी विधायकों से फिलहाल मुंबई में ही रहने के लिए कहा गया है। शिवसेना के एक नेता ने बताया कि शिंदे सोमवार शाम करीब 5 बजे तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ विधान भवन में मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक शिंदे और शिवसेना के कुछ अन्य विधायक गुजरात के सूरत शहर के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं।
 
उन्होंने बताया था कि पार्टी नेतृत्व से कथित तौर पर नाखुश शिवसेना विधायक सोमवार रात सूरत पहुंचे थे और वे ली मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं। एक सूत्र ने कहा था कि महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के कुछ विधायक सूरत के एक होटल में हैं। उसने बताया था कि होटल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। कांग्रेस के एक मंत्री ने कहा था कि शिंदे बीते 1 हफ्ते से बेचैन हैं और दावा किया कि वे उपमुख्यमंत्री का पद चाहते हैं।
 
10. भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि शिंदे वाले घटनाक्रम से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है, हालांकि अगर भाजपा को शिंदे से सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो हम यकीनन उस पर गंभीरता से विचार करेंगे। आखिरकार हमने पहले भी साथ काम किया है इसलिए उनके साथ काम करना और सरकार चलाना काफी आसान होगा।
 
इस पूरे प्रकरण के बीच महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने शिंदे का समर्थन किया। उन्होंने ट्वीट किया कि 'बहुत बढ़िया एकनाथजी। आपने उचित समय पर उचित निर्णय लिया है। नहीं तो जल्द ही आपका भी आनंद दिघे जैसा हश्र हो सकता था। ठाणे के लोकप्रिय शिवसेना नेता दिघे का 2001 में निधन हो गया था।'
ये भी पढ़ें
जानिए कौन हैं NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू?