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Last Updated : सोमवार, 22 अक्टूबर 2018 (22:39 IST)

मध्यप्रदेश और राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर टालने के लिए भाजपा काट सकती है कुछ विधायकों के टिकट

मध्यप्रदेश और राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर टालने के लिए भाजपा काट सकती है कुछ विधायकों के टिकट - Madhya Pradesh Rajasthan Chhattisgarh assembly elections
नई दिल्ली। राजस्थान और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के आलोक में भारतीय जनता पार्टी सत्ता विरोधी लहर को टालने के लिए कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। इन दोनों राज्यों में भाजपा ने 2013 में जबरदस्त जीत हासिल की थी लेकिन इस बार पार्टी को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है।
 
 
पार्टी सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 3 मौजूदा विधायकों के भी टिकट पार्टी काट सकती है। प्रदेश में भाजपा ने अभी 13 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है। इसमें से 4 सीट भाजपा के पास हैं। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के 49 विधायकों में से 14 पर दोबारा भरोसा नहीं जताया है जिन्होंने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी।
 
राजस्थान में कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत देने वाले सर्वेक्षणों को पार्टी सूत्रों ने अधिक तवज्जो नहीं दी और स्वीकार किया कि शुरुआत में पार्टी में कुछ संवादहीनता की स्थिति थी लेकिन अब स्थिति बदल गई है। पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि हम तीनों राज्यों में फिर से सत्ता में आएंगे, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कितने विधायकों को पार्टी टिकट नहीं देगी?
 
संगठन से मिलने वाले फीडबैक तथा पार्टी की ओर से कराए जाने वाले स्वतंत्र आकलन के आधार पर यह निर्णय आधारित होगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अलोकप्रिय विधायकों के टिकट काटकर उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी कुछ हद तक मतदाताओं को शांत कर सकती है।
 
भाजपा सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बरकरार है और प्रदेश में शीर्ष पद के लिए मतदाताओं की वे पहली पसंद हैं। ऐसे परिदृश्य में सरकार का मुख्य चेहरा जब लोकप्रिय है, तो कुछ अलोकप्रिय विधायकों को दोबारा मैदान में नहीं उतारने सहित कुछ खास कदम उठाकर किसी भी कथित सत्ता विरोधी लहर को प्रभावी तौर पर खत्म किया जा सकता है।
 
भारतीय जनता पार्टी में विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व संभालने के बाद उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी गहन क्षेत्र कार्य पर भरोसा करती है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के क्रमश: 230 और 200 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी ने 2013 के चुनाव में क्रमश: 165 और 163 सीटों पर जीत हासिल की थी। 
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