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Last Modified: अयोध्या , गुरुवार, 3 जनवरी 2019 (16:41 IST)

धर्माचार्य बोले, हिन्दुओं की भावनाओं का आदर करें अदालत और नेता

धर्माचार्य बोले, हिन्दुओं की भावनाओं का आदर करें अदालत और नेता - Leaders and court should respect Hindus
अयोध्या। अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए न्यायालय के फैसले का इंतजार करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर निराशा व्यक्त करते हुए संत-धर्माचार्यों ने गुरुवार को कहा कि आस्था से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर अदालत और राजनीतिज्ञों को हिन्दू समाज की भावनाओं का आदर करना चाहिए।
 
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के बयान ने हिन्दू समाज को सोचने के लिए मजबूर किया है। उनका बयान विचारणीय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भरोसे के काबिल हैं, लेकिन मंदिर निर्माण के लिए लाखों रामभक्तों ने अपना बलिदान दिया है और आगे भी इसके लिए तत्पर रहेगा। अदालत और राजनीतिज्ञों को हिन्दू समाज की भावनाओं को समझना होगा। अब समाज पीछे हट नहीं सकता है जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं करा लेगा। 
 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत बाबा ज्ञानदास ने प्रधानमंत्री के बयान को हिन्दू समाज के लिए बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे पूरा समाज स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है जबकि भाजपा के एजेंडे में राम मंदिर का मुद्दा हमेशा रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि देश के हिन्दू समाज ने जिस भरोसे के साथ भाजपा का समर्थन किया था वह टूट गया। न्यायिक प्रक्रिया की समय सीमा न तो तय है और न ही अगले चुनाव में भाजपा सरकार के गठन की ही गारंटी है। तो फिर देश के प्रधानमंत्री मोदी किस विश्वास से यह दावा कर रहे हैं कि मंदिर-मस्जिद के विवाद अदालत के फैसले के बाद सरकार कोई निर्णय लेगी। 
 
निर्वाणी अखाड़ा के पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने जो भी कहा ठीक बात है। जब तक मामला अदालत में है केन्द्र सरकार कुछ नहीं कर सकती। यदि केन्द्र सरकार अध्यादेश ले भी आए तो उसे अदालत से दुबारा विपक्षी पक्षकारों द्वारा चुनौती दी जाएगी तो मामला और भी लंबा खिंच जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि अयोध्या में स्थित विवादित मंदिर-मस्जिद का मामला उच्चतम न्यायालय में निर्णायक स्थिति में है इसलिए अब अगर सरकार की ओर से अध्यादेश आएगा तो मूल मुकदमा किनारे हो जाएगा। अब तो यही एक रास्ता है कि अदालत का फैसला शीघ्र आए और उसका पालन सभी लोग करें।
 
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष एवं सनकादिक आश्रम के महंत कन्हैयादास ने कहा कि विवादित राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को कोई ताकत ज्यादा समय तक नहीं रोक सकती है। मंदिर प्रकरण को न्यायिक प्रक्रिया में उलझाकर हिन्दू समाज का समय और धन दोनों बर्बाद किया जा रहा है।
       
उन्होंने कहा कि मोदी का बयान हिन्दू समाज के लिए आघात पहुंचाने वाला है। सत्ता की कोई भी मजबूरी हो लेकिन राम मंदिर हिन्दू समाज के लिए जरूरी है। इससे कम पर कोई समझौता मंजूर नहीं है। पक्षकार एवं नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान से पूरा समाज स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। (वार्ता)
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