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Last Modified: सोमवार, 12 जून 2017 (15:03 IST)

कश्मीर में इस्लाम की जंग, अब मस्जिदों पर कब्जे की साजिश

कश्मीर में इस्लाम की जंग, अब मस्जिदों पर कब्जे की साजिश - Kashmir Islam Jung Strike
श्रीनगर। राज्य के सभी हिस्सों में मस्जिदों पर कब्जा करने की होड़ मची हुई है। इस कारण से मस्जिद कमेंटियों पर वर्चस्व की लड़ाई जारी है। अब घाटी में अल कायदा मस्जिद कमेटियों पर कब्जे की कोशिश कर रहा है। इन कमेटियों पर अब तक अलगाववादियों का प्रभाव रहा है और हुर्रियत बंद और हड़ताल के आयोजनों में इन कमेटियों का इस्तेमाल करती रही है। मस्जिदों से अपील के कारण ही अलगाववादियों को बंद में सफलता मिलती रही है। लगता है कि अब यह आईएस आतंकवादियों की नई रणनीति का हिस्सा है ताकि मस्जिदों के इस्तेमाल पर उनका प्रभाव अधिक रही है।
 
हिजबुल मुजाहिदीन से अलग हुए आतंकी कमांडर जाकिर मूसा ने दक्षिण कश्मीर में मस्जिद कमेटियों पर अधिकार की कोशिशें तेज की हैं। मूसा के तार अल कायदा से जुड़ गए हैं। हिजबुल से अलग हुए धड़े के तार अल कायदा से जुड़े जाने के बाद चुनौतियां बढ़ गईं हैं। सुरक्षा बलों से जुड़े सूत्रों के  मुताबिक हिजबुल से अलग होने वाले आतंकी जाकिर मूसा का गुट दक्षिण कश्मीर में अपनी पैठ बनाने में सफल हो रहा है।
 
आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर में 90 कश्मीरी युवक हिजबुल मुजाहिदीन में भर्ती हुए थे। इनमें से तीस अब आतंकी मूसा के गुट में आ गए हैं। आतंकियों के दो छोटे गुट आईएस से जुड़े हैं जो फिलहाल मूसा के साथ हैं। मूसा ने पहले कश्मीर में आजादी के आंदोलन की बेमतलब करार देते हुए इस्लाम के लिए जंग का एलान किया था और सियासत करने वाले अलगाववादियों के कत्ल की चेतावनी दी थी।
 
आईएस की विचारधारा का फैलाव : कश्मीर में आईएस और अल कायदा के झंडे पहले भी लहराए जाते रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में आईएस द्वारा कश्मीर में विचारधारा के प्रसार की कोशिशों को रेखांकित किया है। अब आतंकी जाकिर मूसा की सक्रियता के बाद खतरा बढ़ गया है।
 
सेना के सूत्रों के मुताबिक आईएस और अल कायदा जैसे संगठनों के प्रवेश से सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर फिदायीन हमले के अलावा सियासी नेताओं या अन्य प्रमुख हस्तियों के अपहरण की कोशिशें हो सकती हैं। सुरक्षा बलों ने इस चुनौती को गंभीरता से लिया है। अल कायदा और आईएस की जड़ें फैलने से पहले उखाड़ने की रणनीति पर अमल शुरू हो गया है। 
 
सुरक्षा बलों की आक्रामक रणनीति के बाद वजूद का संकट झेल रहे आतंकी संगठनों ने फिदायीन हमले और पाकिस्तान ने बैट हमले की लगातार कोशिश की है। एक सप्ताह पाक के छह बैट हमले नाकाम किए गए। कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों के पितृ संगठन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल की रणनीति के  तहत सुरक्षा बलों को चौतरफा उलझाने की साजिश बुनी गई है। उत्तरी कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और दक्षिणी कश्मीर में हिजबुल की ओर से सेना और सुरक्षा बलों पर हमले हो रहे हैं। 
 
सेना के काफिलों हमले तेज : नियंत्रण रेखा पार से फिदायीन दस्तों की घुसपैठ के अलावा घाटी में मौजूद आतंकी सेना के काफिलों पर हमले कर रहे हैं। इन आतंकियों को समाप्त करने में पत्थरबाज और उपद्रवी बाधक बन रहे हैं। सेना ने घेरकर सर्च अभियान (कासो) चलाया है। इसके तहत टॉप कमांडरों को घेरकर मारने की रणनीति है। लेकिन, पत्थरबाज हर घेराबंदी के स्थान पर पथराव कर आतंकियों भागने में मदद कर रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में सेना की चार घेराबंदी पत्थरबाजों के कारण विफल हो गई। इससे लश्कर कमांडर अबू दुजाना भागने में सफल हुआ।