Weather Updates News : कर्नाटक के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई क्षेत्रों में जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। तटीय कर्नाटक में मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं, जबकि महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण यादगिर जिले में कृष्णा नदी उफान पर है। वहीं बंगाल की खाड़ी में आर्द्रता बढ़ने एवं पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों तक मानसून पहुंचने से अगले सप्ताह राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, 17 जून को दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के तटीय जिलों में मूसलाधार बारिश और 19 जून की सुबह तक क्षेत्र के अन्य जिलों में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दक्षिण कन्नड़ जिले के विभिन्न हिस्सों में बीते 24 घंटों के दौरान 110 से 210 मिमी तक बारिश दर्ज की गई। जिले के मुख्यालय मेंगलुरु में 170 मिमी बारिश हुई, जबकि पनंबूर वेधशाला में 210 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। पड़ोसी उडुपी जिले में 50 मिमी बारिश हुई।
तटीय कर्नाटक में भारी बारिश के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। मेंगलुरु शहर के कई शहरी इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। मेंगलुरु तालुक में राष्ट्रीय राजमार्ग-169 के पास केत्तिकल्लू क्षेत्र में भूस्खलन की सूचना है। आईएमडी ने रविवार को दक्षिण कन्नड़, उडुपी, शिवमोग्गा, चिक्कमगलुरु और कोडगु जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।
मेंगलुरु के पंपवेल, बिकरनकट्टे, कैकांबा और कंकाराडी जैसे इलाकों में जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त न होने के कारण पानी भर गया। निचले इलाकों में घरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और सड़कों में पानी घुस गया, जिससे यातायात में बाधा और संपत्ति को नुकसान हुआ।
पंपवेल चौराहे पर भारी जलभराव के कारण यातायात धीमा पड़ गया। बेंगलुरु से आने वाली बसों को पाडिल से नंथूर सर्कल होते हुए मार्ग बदलकर भेजा गया। जयश्री गेट-बिकरनकट्टे मार्ग पर जलभराव ने जल निकासी की व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम से की गई शिकायतों के बावजूद कोई स्थाई समाधान नहीं निकला।
राष्ट्रीय राजमार्ग-169 पर केत्तिकल्लू के पास भूस्खलन के कारण सड़क अवरुद्ध हो गई, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई और सड़क को साफ करने का काम जारी है। मेंगलुरु नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन टीम को नालों की सफाई और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। हालांकि स्थानीय नागरिकों ने नालों की गाद निकालने और प्रभावी वर्षा जल निकासी व्यवस्था की मांग की है।
आईएमडी ने आने वाले दिनों में तटीय कर्नाटक में बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है। तटीय जिलों और चिक्कमगलुरु के प्रशासन ने लोगों को जलभराव और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। उडुपी के ब्रह्मावर, गुंडिबैल, कालसंका, अंबगिलु, कोलालगिरी और केजी रोड जैसे कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई।
राष्ट्रीय राजमार्ग-66 के पास मुख्य मार्गों और सेवा मार्गों में भी पानी भर गया। कुंडापुर तालुक के हीरूर, हलाडी, कुंबाशी, ठेक्काट्टे और आसपास के गांवों में भारी जलभराव देखा गया। यादगिर जिले में भारी बारिश के कारण बसवसागर बांध से कृष्णा नदी में 52 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बारिश से कई क्षेत्रों में फसलों को नुकसान हुआ है।
पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट : बंगाल की खाड़ी में आर्द्रता बढ़ने एवं पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों तक मानसून पहुंचने से अगले सप्ताह राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, 17 जून को दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के तटीय जिलों में मूसलाधार बारिश और 19 जून की सुबह तक क्षेत्र के अन्य जिलों में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि राज्य की राजधानी कोलकाता में 17 और 18 जून को भारी बारिश होने की संभावना है। बुलेटिन के मुताबिक, उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों में भी मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान है जबकि कूचबिहार, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित कुछ अन्य जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है।
विभाग ने कहा कि 17 से 18 जून के बीच पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों पर 35-45 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है और अधिकतम गति 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। आईएमडी ने कहा कि मछुआरों को पश्चिम बंगाल-ओडिशा तटों के पास समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
मौसम कार्यालय के मुताबिक, सुबह साढ़े आठ बजे से पहले के 24 घंटे के दौरान बंगाल की खाड़ी के सागर द्वीप पर सबसे अधिक 76.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि दार्जिलिंग की पहाड़ियों में इस अवधि के दौरान 36.2 मिमी बारिश हुई। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour