जेएनयू की छात्राओं ने प्रोफेसर पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्राओं के एक समूह ने आज जीवन विज्ञान संस्थान (एसएलएस) के एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए। यह प्रोफेसर विश्वविद्यालय प्रशासन की अनिवार्य उपस्थिति पहल के कड़े समर्थक हैं। हालांकि प्रोफेसर ने दावा किया कि उन्हें इस मुद्दे पर उनके रुख के कारण निशाना बनाया जा रहा है।
परिसर में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके एसएलएस की छात्राओं ने एक बयान जारी कर कहा, ‘प्रोफेसर अक्सर यौन प्रवृत्ति वाली टिप्पणियां करते हैं, खुलेआम सेक्स के लिए कहते हैं और लगभग हर लड़की की शारीरिक बनावट पर टिप्पणी करते हैं। अगर लड़की इस पर आपत्ति जताती है तो वह उससे दुश्मनी मान लेते हैं।’
एक अन्य बयान में छात्राओं ने कहा, ‘प्रोफेसर और प्रशासन के बीच वित्तीय सांठगांठ है। कई सालों से कोई उपकरण नहीं खरीदे गए लेकिन फिर भी करोड़ों रुपए खर्च हो गए।’ लापता होने के बाद अपने रिश्तेदारों के घर पर मिली 26 साल की लड़की ने भी प्रोफेसर को ई-मेल भेजकर कहा था, ‘मैं आपकी तथाकथित प्रतिष्ठित लैब छोड़ रही हूं, सिर्फ इसलिए क्योंकि आप चरित्रहीन व्यक्ति हैं और आपको लड़कियों से बात करने का सलीका नहीं आता।’
प्रोफेसर ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, ‘मेरे खिलाफ आरोप लगाने वाली कुछ लड़कियों को लैब में अनियमित उपस्थिति के संबंध में 27 फरवरी को मेरी तरफ से ईमेलमिला था। इसलिए वे मुझे निशाना बना रही हैं।’ (भाषा)