भारतीय मूल के प्रोफेसर को इलाज के लिए मिला 6 लाख डॉलर का अनुदान
ह्यूस्टन। यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के भारतीय मूल के एक प्रोफेसर और उनके दो साथियों को ल्यूपस (गुर्दे का एक रोग) का नया इलाज विकसित करने के अग्रणी शोध के लिए छह लाख डॉलर का निजी अनुदान प्राप्त हुआ है। ल्यूपस रिसर्च अलायंस का ‘टार्गेट आइडेंटिफिकेशन इन लूपस’ अनुदान यूनिवर्सिटी के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर चंद्र मोहन और उनकी अनुसंधान टीम के सदस्यों ह्यूग रॉय और लिली क्रांज को दिया गया।
ल्यूपस एक बेहद असाधारण स्व-प्रतिरक्षित बीमारी है जिसका पता लगाना, इलाज करना और जड़ से खत्म करना बहुत मुश्किल होता है। पिछले करीब 60 सालों में इसके केवल एक इलाज को स्वीकृति मिली है। इस बीमारी में प्रतिरक्षी तंत्र अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करने लगता है।
स्वास्थ्य संगठन ने बताया, 'ल्यूपस नेफ्रिटिस (गुर्दे की बीमारी) ल्यूपस की सबसे गंभीर समस्या है। टीआईएल अनुदान की सहायता से प्रोफेसर चंद्र मोहन इस बीमारी के इलाज पर किए जा रहे अपने अनुसंधान को आगे बढ़ा पाएंगे।' (भाषा)