आंदोलन किसी भी लोकतंत्र का हिस्सा है : जेएनयू कुलाधिपति
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलाधिपति वीके सारस्वत ने शुक्रवार को कहा कि वह एक बहुत अच्छा संस्थान है और वहां जो कुछ भी होता है, वह उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है, जिसका वह पालन करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में मुद्दे हमेशा रहेंगे।
सारस्वत ने कहा कि देश में भी, जहां कहीं सरकार बदलाव करती है, लोग आंदोलन का सहारा लेते हैं, और यह लोकतंत्र का हिस्सा है। वह नीति अयोग के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा, जेएनयू एक बहुत अच्छा संस्थान है। वहां जो कुछ भी होता है वह उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा होता है जिसका वे पालन करते हैं। और किसी भी लोकतंत्र में मुद्दे हमेशा रहेंगे।
सारस्वत ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों के बावजूद विश्वविद्यालय का अकादमिक प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। उन्होंने कहा, मौजूदा रेटिंग में जेएनयू अब भी नंबर एक विश्वविद्यालय है। इसलिए उस सीमा तक, मैं कहूंगा कि जेएनयू एक अच्छा विश्वविद्यालय है और जिस तरह से हमने उन मुद्दों (विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा) को संभाला है, मैं कहूंगा कि अच्छा काम किया गया था।
इस विश्वविद्यालय को लंबे समय से वामपंथ का गढ़ माना जाता रहा है और वामपंथ से जुड़े छात्र संगठनों के छात्र ही परिसर में ज्यादातर चुनाव जीते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छात्र इकाई एबीवीपी सहित भाजपा और विभिन्न हिंदुत्ववादी समूहों का अक्सर दावा रहा है कि राष्ट्रविरोधी भावनाओं वाले समूहों को परिसर में वाम से जुड़े समूहों से समर्थन मिला है। अतीत में कई बार उनके बीच हिंसक झड़पें भी हुई हैं।(भाषा)