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Last Modified: शनिवार, 18 मार्च 2023 (01:12 IST)

अब जीतनराम मांझी बोले, कर्मकांड में राम से ज्यादा पारंगत था रावण

अब जीतनराम मांझी बोले, कर्मकांड में राम से ज्यादा पारंगत था रावण - Jitan Ram Manjhi's statement regarding Ram and Ravana
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी शुक्रवार को रामचरितमानस से जुड़े विवाद में कूद पड़े हैं। कुछ महीने पहले राज्य के एक मंत्री के बयान से उपजा यह विवाद अभी तक शांत नहीं हुआ है।

राज्य की महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी पत्रकारों के सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उनसे राज्य के शिक्षा मंत्री व राजद नेता चंद्रशेखर की महाकाव्य पर विवादास्पद टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गई थी।

उन्होंने कहा, मैंने हमेशा माना है कि भगवान राम एक काल्पनिक व्यक्ति हैं, न कि ऐतिहासिक। मैं ऐसा कहने वाला पहला व्यक्ति नहीं हूं। इसी तरह के विचार राहुल सांकृत्यायन और लोकमान्य तिलक जैसे विद्वानों ने व्यक्त किए हैं, लेकिन चूंकि वे ब्राह्मण थे, इसलिए किसी ने आपत्ति नहीं की। जब मैं कहता हूं तो लोगों को परेशानी होती है।

उन्होंने कहा, अगर हम मिथक के अनुसार भी जाएं तो रावण, राम की तुलना में कर्मकांड अनुष्ठान में अधिक पारंगत है। हमें विचार करना चाहिए कि ऐसा क्यों है कि वाल्मीकि, जिन्हें सबसे पुरानी रामायण लिखने का श्रेय दिया जाता है, कभी भी तुलसीदास (रामचरितमानस के लेखक) की तरह पूजनीय नहीं हैं।

मांझी के बयान से ऐसा माना जा रहा है कि वे राज्य के शिक्षा मंत्री के तर्क से सहमत हैं, जिन्होंने रामचरितमानस के कुछ दोहों की आलोचना करके विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें शूद्रों को कथित रूप से गलत आलोक में चित्रित किया गया है।

वहीं विपक्षी दल भाजपा ने राजद नेता की टिप्पणियों पर नाराजगी व्यक्त की थी और उन पर हिंदू भावनाओं का अपमान करने का आरोप लगाया था।

मांझी ने यह भी कहा, मेरा मानना है कि रामचरितमानस एक सुंदर साहित्यिक कृति है और इसमें कई अच्छी चीजें हैं, लेकिन इसे उस सामग्री से शुद्ध किया जाना चाहिए, जो सामाजिक भेदभाव की निंदा करती है। रावण, राम की तुलना में कर्मकांड अनुष्ठान में अधिक पारंगत है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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