शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Jaish A Mohammed
Written By
Last Updated : रविवार, 3 मार्च 2019 (18:21 IST)

गजवा-ए-हिन्द 20 साल में 2 बार भारत और पाकिस्तान को युद्ध की कगार पर लाया

Jaish A Mohammed। जैश ए मोहम्मद का गजवा ए हिन्द 20 साल में 2 बार भारत और पाकिस्तान को युद्ध की कगार पर लाया - Jaish A Mohammed
नई दिल्ली। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दुस्साहसिक आतंकवादी हमले उसके 'गजवा-ए-हिन्द' (भारत के खिलाफ जंग) का हिस्सा हैं जिसने इसे सबसे घातक आतंकवादी समूह में बदल दिया और इस संगठन ने 2 दशकों में 2 बार भारत और पाकिस्तान को युद्ध की कगार पर ला दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
 
पिछले 20 वर्षों में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में पठानकोट एयरबेस, उड़ी में सैन्य ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला, श्रीनगर में बादामीबाग कैंट पर हमले और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पास बम विस्फोट शामिल हैं।
 
एक सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान 2001 में उस समय युद्ध की कगार पर आ खड़े हुए थे, जब जैश ने भारतीय संसद पर हमला किया था। गत 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद एक बार फिर यही स्थिति बनी।
 
अधिकारी ने एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अल कायदा से जुड़े हुए आतंकवादी संगठन ने 27 नवंबर 2017 को पाकिस्तान के ओकारा जिले में एक सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें भारत-पाकिस्तान संबंधों को ध्यान में रखे बिना 'गजवा-ए-हिन्द' जारी रखने का संकल्प लिया गया था।
 
24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 का अपहरण किए जाने पर 31 दिसंबर 1999 को आतंकी षड्यंत्रकर्ता मसूद अजहर को भारतीय जेल से रिहा किए जाने के बाद जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया गया था। इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है।
 
घाटी में अप्रैल 2000 में किए गए हमले में 30 सैनिक शहीद हो गए थे। जून 2000 में श्रीनगर के बटमालू में एक बस स्टैंड पर हुए हमले में 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे। एक अक्टूबर 2001 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर बम विस्फोट में 31 लोगों की मौत हुई थी और 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले में 9 सुरक्षाकर्मी तथा अधिकारी मारे गए थे।
 
11 सितंबर 2001 को हुए हमले के ठीक 3 महीने बाद विधानसभा पर हमला और अफगानिस्तान में तोरा बोरा की गुफाओं में लादेन पर नकेल कसने के एक हफ्ते बाद संसद पर हमला हुआ। गुलाम नबी आजाद के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से कुछ घंटे पहले 2 नवंबर 2005 को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते ने श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में एक शक्तिशाली कार बम हमला किया जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए।
 
जैश के एक सशस्त्र समूह ने 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें 7 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने 18 सितंबर 2016 को उड़ी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया जिसमें 17 सैनिक शहीद हो गए थे और 30 अन्य घायल हो गए थे।

पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया जिससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है।