मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Jairam Ramesh defends Rahul Gandhi on Savarkar issue
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 18 नवंबर 2022 (23:36 IST)

जयराम रमेश ने किया राहुल गांधी का बचाव, बोले- सावरकर पर निशाना नहीं साधा, सिर्फ तथ्य रखे हैं...

जयराम रमेश ने किया राहुल गांधी का बचाव, बोले- सावरकर पर निशाना नहीं साधा, सिर्फ तथ्य रखे हैं... - Jairam Ramesh defends Rahul Gandhi on Savarkar issue
शेगांव (महाराष्ट्र)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने हिन्दुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना नहीं साधा है, बल्कि सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखा है।
 
कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के महाराष्ट्र में बुलढाणा जिले के शेगांव पहुंचने पर रमेश ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना भले ही सावरकर पर राहुल गांधी के विचारों का समर्थन नहीं करती है, लेकिन इसका महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
 
गौरतलब है कि अकोला जिले के वाडेगांव में गुरुवार को दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सावरकर ने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की मदद की और उनके डर से दया याचिका (क्षमा याचना) पर हस्ताक्षर किया था। कांग्रेस नेता इससे पहले भी कह चुके हैं कि सावरकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रतीक हैं। राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं और उद्धव ठाकरे ने यहां तक कह दिया है कि वह स्वतंत्रता सेनानी पर कांग्रेस नेता के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।

जयराम रमेश ने कहा, गांधी ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के (तुलनात्मक) संदर्भ में सावरकर का जिक्र किया था कि कैसे ब्रिटिश सरकार के सामने मुंडा ने सिर नहीं झुकाया और सावरकर ने दया याचिका पर हस्ताक्षर कर दिए, यह तथ्य है।

कांग्रेस के संवाद एवं प्रचार विभाग के प्रभारी महासचिव रमेश ने कहा, महानतम भारतीयों में से एक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक 1908 से 14 तक, 6 साल मांडला जेल में बंद रहे। तिलक ने दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किए। उन्होंने कहा, हम ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर बहस नहीं करना चाहते हैं, फिलहाल के मुद्दे में पुराने दस्तावेजों के आधार पर भावनाओं को परे रखकर बुद्धिमतापूर्ण चर्चा की जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह तथ्य है कि (महात्मा गांधी की हत्या करने वाले) नाथूराम गोडसे, सावरकर से प्रभावित थे। उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे सावरकर की विचारधारा थी। उन्होंने कहा कि सावरकर जिस विचारधारा को मानते थे वही उनकी (गांधी की) हत्या का कारण थी।

रमेश ने कहा कि सावरकर पर कांग्रेस और ठाकरे नीत शिवसेना के विचार अलग-अलग हैं, लेकिन इसका एमवीए गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं होगा। एमवीए के घटक दलों में कांग्रेस के अलावा शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और ठाकरे नीत शिवसेना शामिल है।

रमेश ने कहा, वे (जो लोग सावरकर के मुद्दे पर नाराज हैं) ऐतिहासिक तथ्यों को कैसे नकार सकते हैं? दो राष्ट्र का सिद्धांत सावरकर का था। आरएसएस ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल विभाजन का समर्थन किया था। जनसंघ ने सरकार बनाने के लिए मुस्लिम लीग से हाथ मिलाया था।

उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का लक्ष्य इतिहास पर चर्चा करना नहीं है, बल्कि ध्रुवीकरण, आर्थिक असमानता और राजनीतिक तानाशाही जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान परिस्थितियों और भविष्य पर बात करना है।

सावरकर पर राहुल गांधी के विचारों का विरोध करने वालों से कांग्रेस नेता को खतरा होने के संबंध में सवाल करने पर रमेश ने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अगले साल पश्चिम से पूर्वी भारत के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली जा सकती है।

उन्होंने कहा, यह भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हाइब्रिड यात्रा (पदयात्रा और वाहन से यात्रा) होगी क्योंकि रास्ते में जंगल और नदियां हैं। इस बार अकोला में हम जंगल होने के कारण 16 किलोमीटर पदयात्रा नहीं कर सके। हमें इतनी दूरी की यात्रा बस से करनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने डिजिटल मंचों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है क्योंकि जनता से संवाद का यही तरीका है। उन्होंने कहा कि 2024 का आम चुनाव स्मार्टफोन की मदद से लड़ा जाएगा। रमेश ने कहा कि यात्रा की सफलता यह दिखाती है कि महंगाई, बेरोजगारी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने का यह उचित माध्यम है, क्योंकि संसद में चर्चा नहीं हो रही है।

महाराष्ट्र के वाशिम में बुधवार की रात कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी का भाषण समाप्त होने पर राष्ट्रगान की जगह कोई और गीत बजने की घटना के बारे में सवाल करने पर रमेश ने कहा कि यह स्थानीय पदाधिकारियों की लापरवाही से हुआ और इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।

उन्होंने कहा, यह घटना होनी नहीं चाहिए थी, लेकिन उसे तुरंत ही सुधार लिया गया था। बहरहाल, जो मीडिया उस वक्त तक यात्रा के बारे में कुछ नहीं लिख रहा था, उसका प्रसारण नहीं कर रहा था, उसने हम पर ध्यान देना शुरू कर दिया और हमारा मुफ्त में प्रचार हुआ।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनसंख्या नियंत्रण के लिए 2 बच्चों की नीति संबंधी याचिकाएं