मिशन शक्ति के बाद अंतरिक्ष में ISRO की नई छलांग, लांच किया दुश्मन की रडार का पता लगाने वाला सैटेलाइट
अंतरिक्ष की दुनिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नया कीर्तिमान रचा है। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से आज सुबह 9.27 पर भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस उपग्रह एमिसैट (EMISAT) का प्रक्षेपण किया गया।
एमिसैट का प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया जा रहा है। दुश्मन पर नजर रखने के लिए एमिसैट की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसरो के मुताबिक रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर के कक्ष में स्थापित करेगा। एमिसैट का मकसद सीमा पर दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत पर नजर रखना है।
पीएसएलवी-सी45 नामक इस मिशन के तहत पहली बार इसरो पृथ्वी की तीन कक्षाओं में उपग्रह स्थापित कर अंतरिक्ष संबंधी प्रयोग करेगा। एमिसैट उपग्रह का मकसद विद्युत चुंबकीय माप लेना है। एमिसैट के साथ ही 28 विदेशी नैनो उपग्रह भी प्रक्षेपित किए गए।
इसरो के अनुसार अबकी बार लांच के लिए चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल संस्करण प्रयोग किया जा रहा है। पीएसएलवी का उपयोग भारत के दो प्रमुख मिशनों 2008 में चंद्रयान में और 2013 में मंगल मिशन में किया जा चुका है।