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  4. Irans Fordo nuclear plant has become a thorn in eye of Israel and America, why is it called an impenetrable nuclear fortress
Last Modified: गुरुवार, 19 जून 2025 (13:39 IST)

ईरान का फोर्दो परमाणु संयंत्र बना इजराइल-अमेरिका की आंख का कांटा, क्यों कहते हैं अभेद्य परमाणु किला

Iran Israel war
Irans Fordo nuclear plant News: ईरान की भूमिगत पहाड़ियों में स्थित फोर्दो परमाणु संयंत्र (Fordow Fuel Enrichment Plant) ईरान के सबसे महत्वपूर्ण और विवादास्पद परमाणु सुविधाओं में से एक है। फोर्दो संयंत्र ईरान के क़ुम शहर के पास, पहाड़ी क्षेत्र में भूमिगत बनाया गया है। यह रणनीतिक रूप से सुरक्षित स्थान पर है, जो हवाई हमलों से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सुविधा गहरी भूमिगत सुरंगों और प्रबलित कंक्रीट संरचनाओं से युक्त है, जिससे इसे नष्ट करना बेहद मुश्किल है।
 
फोर्दो संयंत्र यूरेनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) के लिए बनाया गया है। यह परमाणु हथियारों के लिए उच्च-स्तरीय संवर्धित यूरेनियम (HEU) या शांतिपूर्ण उपयोग के लिए निम्न-स्तरीय संवर्धित यूरेनियम (LEU) का उत्पादन कर सकता है। ईरान का दावा है कि यह सुविधा शांतिपूर्ण ऊर्जा उत्पादन के लिए है, लेकिन पश्चिमी देश और इजराइल इसे परमाणु हथियार कार्यक्रम से जोड़कर देखते हैं।
 
फोर्दो में हजारों सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं, जो यूरेनियम-235 को संवर्धित करने के लिए उपयोग की जाती हैं। यह संयंत्र 20% तक यूरेनियम संवर्धन करने में सक्षम है, जो परमाणु हथियारों के लिए 90% संवर्धन के करीब ले जाने का आधार हो सकता है। इसका भूमिगत डिज़ाइन इसे पारंपरिक बमों से सुरक्षित बनाता है। केवल विशेष बंकर-भेदी बम, जैसे अमेरिका का GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP), इसे नष्ट करने में सक्षम हो सकता है।
 
क्या है इसका रणनीतिक महत्व : फोर्दो को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, क्योंकि यह न केवल संवर्धन के लिए है, बल्कि इसकी सुरक्षा इसे हमलों से बचाने में मदद करती है। इजराइल और अमेरिका इसे एक बड़े खतरे के रूप में देखते हैं, क्योंकि यहां उत्पादित सामग्री का उपयोग सैद्धांतिक रूप से परमाणु हथियार बनाने में हो सकता है।
 
फोर्दो की खोज 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई थी, जिसके बाद ईरान ने इसे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) को घोषित किया। 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) के तहत, ईरान ने फोर्दो में यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने और इसे एक शोध सुविधा में बदलने का वादा किया था। हालांकि, 2019 में अमेरिका के समझौते से हटने के बाद, ईरान ने फिर से फोर्दो में संवर्धन बढ़ा दिया। IAEA नियमित रूप से इसकी निगरानी करता है, लेकिन हाल के वर्षों में ईरान ने निरीक्षणों में बाधाएं डाली हैं। 
 
इजराइल ने फोर्दो को नष्ट करने की मंशा जताई है, क्योंकि इसे ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का केंद्र माना जाता है। इसकी भूमिगत स्थिति के कारण, इसे नष्ट करने के लिए केवल विशेष बंकर-भेदी बम ही प्रभावी हो सकते हैं, जिन्हें अमेरिकी B-2 बमवर्षक विमानों के जरिए दागा जा सकता है। हाल के हमलों में इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है, जिसमें फोर्दो भी एक प्रमुख लक्ष्य है।
 
और भड़क सकता है युद्ध : फोर्दो पर हमला क्षेत्रीय युद्ध को और भड़का सकता है, क्योंकि ईरान इसे अपने राष्ट्रीय गौरव और सुरक्षा का प्रतीक मानता है। किसी भी हमले से रेडियोधर्मी रिसाव का खतरा हो सकता है, जिससे क्षेत्रीय पर्यावरण और जनसंख्या को नुकसान पहुंच सकता है। यह सुविधा वैश्विक परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है।
 
फोर्दो परमाणु संयंत्र ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक संवेदनशील और रणनीतिक हिस्सा है। इसकी भूमिगत संरचना और यूरेनियम संवर्धन क्षमता इसे इजराइल और पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ा खतरा बनाती है। वर्तमान में इजराइल-ईरान तनाव के बीच, फोर्दो पर हमले की संभावना ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है। स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर बनी हुई है।
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