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अयोध्या में होगा अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव, दुनियाभर के पतंगबाज दिखाएंगे हुनर

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले होगा आयोजन

अयोध्या में होगा अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव, दुनियाभर के पतंगबाज दिखाएंगे हुनर - International Kite Festival will be held in Ayodhya
  • महोत्‍सव 19 से 21 जनवरी के बीच होने की संभावना
  • रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले होगा आयोजन
  • अयोध्या विकास प्राधिकरण ने तैयारी शुरू की
International Kite Festival will be held in Ayodhya : अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को प्रस्तावित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उत्तर प्रदेश सरकार एक अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन करेगी। इस पतंग महोत्सव देश और दुनियाभर के प्रसिद्ध पतंगबाजों को अपनी कला दिखाने का अवसर मिलेगा। यह महोत्‍सव 19 से 21 जनवरी के बीच होने की संभावना है।
 
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने उत्सव की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके 19 से 21 जनवरी के बीच होने की संभावना है। इस पतंग महोत्सव देश और दुनियाभर के प्रसिद्ध पतंगबाजों को अपनी कला दिखाने का अवसर मिलेगा।
 
इस उत्सव को भव्य पैमाने पर आयोजित करने के लिए देश और विदेश में आयोजित होने वाले विभिन्न पतंग उत्सवों से प्रेरणा ली जा रही है। इस पूरे आयोजन को मूर्तरूप देने के लिए एडीए द्वारा प्राइवेट एजेंसियों से आवेदन मांगा गया है। पतंग महोत्सव के लिए एजेंसी का चयन आठ जनवरी तक कर लिया जाएगा।
कार्यक्रम में 50 विशेष आमंत्रित लोगों को समायोजित करने के लिए एक वीवीआईपी लाउंज के साथ 750 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ एक आगंतुक क्षेत्र डिजाइन किया जाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को बाजरा से बने और अवधी व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिलेगा।

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर किया जा रहा है। यहां तीन मंजिला मंदिर बनाया जा रहा है। मूर्ति का भी चयन हो गया है। मुख्य गर्भगृह में श्री रामलला की मूर्ति होगी और पहली मंजिल पर श्रीराम दरबार होगा है।

खंभों व दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैंप व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। मंदिर का निर्माण पूर्णतया: भारतीय परंपरानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
Edited By : Chetan Gour