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Last Updated : मंगलवार, 16 मार्च 2021 (20:12 IST)

Bank Privatisation पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, हड़ताली बैंककर्मियों के लिए कही बड़ी बात

Bank Privatisation पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, हड़ताली बैंककर्मियों के लिए कही बड़ी बात - Interests of workers of banks likely to be privatised will be protected : Finance minister
नई दिल्ली। देश में दो दिन से बैंककर्मियों की हड़ताल चल रही है। इस हड़ताल के कारण वित्तीय गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इन कर्मचारियों और संगठनों से जुड़े लोग बैंकों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। बैंकों के निजीकरण पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आश्वासन दिया कि देशभर में सभी बैंक निजी नहीं होंगे, यह बैंक यूनियनों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर है, जो लगातार दूसरे दिन की हड़ताल पर हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखेगी और उनका हित किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं होगा। सीतारमण ने कहा कि ऐसे कई बैंक जिनका प्रदर्शन शानदार है, लेकिन कुछ ऐसे भी बैंक हैं जिनका प्रदर्शन बहुत ठीक नहीं है।
हमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के आकार के बैंक चाहिए, जो कि देश जरूरतों को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि हमने पब्लिक एंटरप्राइजेज पॉलिसी की घोषणा की है, जिसके आधार पर हम 4 जगहों को चिन्हित करेंगे जहां सरकार की उपस्थिति होनी चाहिए। बैंकों का मर्जर भी इसलिए किया जा रहा है ताकि बड़े बैंक निकलें और ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सकें।

वित्तमंत्री ने कहा कि जिन बैंकों के प्राइवेटाइज होने की संभावना है, उनके साथ हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वे काम करते रहें और कर्मचारी और ग्राहकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए। हम उन्हें इसलिए प्राइवेटाइज कर रहे हैं ताकि वे मजबूत हो सकें और ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सकें। उन्हें इक्विटी हासिल हो सके। वित्तमंत्री ने कहा कि सालों से इन बैंकों में काम कर रहे कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उनकी सैलरी, स्केल, पेंशन सभी चीजों का ध्यान रखा जाएगा।

कांग्रेस पर लगाया आरोप :  वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी की कुछ टिप्पणियों का करारा जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार ने अपने समय में भ्रष्टाचार का राष्ट्रीयकरण और ‘एक परिवार’ के लाभ के लिए करदाताओं के धन का निजीकरण किया था।
 
इससे पहले राहुल गांधी ने दिन में ट्वीट कर आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण कर रही है। उन्होंने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ‘‘मोदी के क्रोनीज’’ (कथित रूप से मोदी सरकार के चहेते उद्योगतियों) को बेचकर सरकार भारत की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है।
सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन आरोपों के संबंध में किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शायद गांधी ने अपनी यह टिप्पणी किसी ‘कट्टर कम्युनिस्ट’ से ‘ ली है।’ उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि वह इस तरह के दो वाक्यों को हर बार उछालने की बजाय गंभीर चर्चाओं में शामिल हों। वित्त मंत्री ने आगे आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने भ्रष्टाचार का राष्ट्रीयकरण किया था।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी दादी (इंदिरा गांधी) ने भले ही बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया होगा, लेकिन बैंकों के नुकसान का राष्ट्रीयकरण यूपीए के समय में हुआ... मैं एक बात और जोड़ना चाहूंगी- भ्रष्टाचार का राष्ट्रीयकरण इन्होंने किया।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का राष्ट्रीयकरण और एक परिवार की भलाई के लिए करदाताओं के पैसे का निजीकरण, यह सब राहुल गांधी को उस ट्वीट के जवाब के रूप में लेना होगा। वरिष्ठ भाजपा नेता ने गांधी को सलाह दी कि उन्हें बोलने से पहले और गहन चिंतन करना चाहिए। (इनपुट भाषा)
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