मध्यप्रदेश में बढ़ते तापमान से साल और सागौन के पेड़ों में लगे कीड़े
(सभी फोटो वेबदुनिया)
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प्रदेश के मानपुर, महू और मांडव के जंगलों में कई पेड़ों में लगे कीड़े
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बढ़ते तापमान और सूखे ने बढ़ाई जंगलों की मुसीबत
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वन और कृषि वैज्ञानिकों ने बताया क्यों हो रहा ऐसा
insects on forest trees: मध्यप्रदेश के जंगलों को देशभर में सबसे सघन माना जाता है। यह टाइगर स्टेट भी है। लेकिन प्रदेश के इस सघन वन के पेड़ों पर इन दिनों कीड़ों ने हमला बोल दिया है। हरे-भरे पेड़ों के पत्ते कीड़ों की वजह से जर्जर हो रहे हैं। खासतौर से साल और सागौन के पेड़ों में यह कीड़ा लगा है।
वेबदुनिया ने पेड़ों पर पड़ रही कीड़ों की इस मार के बारे में
मौसम वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक और
वन विभाग विशेषज्ञों से चर्चा की। इस चर्चा में कई तरह की बातें सामने आई। हालांकि विशेषज्ञ इसे जंगल और मौसम का एक इको-लॉजी सिस्टम मानते हैं। यह सूखे की वजह से भी होता है और तापमान में इजाफे की वजह से भी। जहां तक पेड़ों के बचाव की बात है तो विशेषज्ञों का मानना है कि पूरे जंगल में तो दवाई या कीटनाशक का छिड़काव नहीं कर सकते, हालांकि सीजन बदलने के बाद यह अपने आप ठीक हो जाएगा।
क्या कहते हैं मौसम, कृषि और वनविभाग के विशेषज्ञ
पीसीसीएफ फॉरेस्ट पीके सिंह (भोपाल) ने
वेबदुनिया को बताया कि जंगल में यह इकोलॉजी सिस्टम का पार्ट है। पेड़ों में कीड़े लगते ही हैं। खासतौर से सागौन के पेड़ों में इस तरह के कीड़े लगते हैं। यह तापमान की वजह से होता है। जैसे ही सर्दी आएगी, नमी होगी या बारिश होगी तो इस तरह के कीड़े अपने आप खत्म हो जाएंगे। जैसे ही अक्टूबर की शुरुआत होगी कीड़े असक्रिय होकर खत्म होने लगेंगे।
कृषि वैज्ञानिक, डॉ अखिलेश चंद्र शर्मा ने
वेबदुनिया को बताया कि दरअसल, पेड़ों में सूखे की वजह से यह नहीं होता है, पेड़ की जड़ें जमीन में गहरे तक होती है, ऐसे में बारिश नहीं होने पर भी उन्हें नमी मिलती रहती है। पत्तों का इस तरह से जर्जर हो जाने के पीछे की वजह कीड़ा हो सकता है। सूखे का असर फसलों पर हो सकता है पेड़ों पर इसका बहुत गहरा असर नहीं होता।
भोपाल में मौसम वैज्ञानिक डॉ जीडी मिश्रा ने
वेबदुनिया को बताया कि यह सूखे का असर और नमी की कमी की वजह से होता है। बारिश नहीं होने और ज्यादा तापमान की वजह से पेड़ों के पत्तों में कीड़े लग जाते हैं। अगर बारिश होती और तापमान 30 डिग्री से नीचे हो तो पेड़ों में कीड़े नहीं लगते हैं, क्योंकि बारिश में पेड़ और पत्ते धुल जाते हैं, जबकि धूप में इस तरह के कीड़े पनपते हैं। हवा चलती और पानी गिरता तो कीड़े नहीं होते। आपने देखा होगा कि ऐसे ही मौसम में लोगों में कंजेक्टिवाइटिस होता है। इस मौसम में एक तरह का बैक्टेरिया पैदा होता है, जो आंखों में कंजेक्टिवाइटिस की वजह बनता है। ठीक ऐसा ही पेड़ों के साथ होता है। इसके लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को चाहिए कि वे दवाइयों का छिड़काव करें।
कहां लगे पेड़ों में कीड़े?
बता दें कि मध्यप्रदेश में अब तक कम बारिश हुई है। ऐसे में बढ़ते तापमान और सूखे की वजह से प्रदेश के जंगलों में साल सागौन जैसे पेड़ों में कीड़े लग गए हैं। इसकी वजह से पेड़ पूरी तरह से सूख रहे हैं और उनके पत्तों को तो कीड़े पूरी तरह से खा गए हैं। वेबदुनिया को ऐसे पेड़ों के दृश्य मानपुर, महू और मांडव के जंगलों में देखने को मिले हैं।