यात्रीगण कृपया ध्यान दें, रेलवे दे सकता है यह बड़ा झटका...
नई दिल्ली। रेलवे संरक्षा संबंधी योजनाओं के लिए धन जुटाने के वास्ते यात्री किराए बढ़ाने के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है जिनमें हर टिकट पर एक निश्चित संरक्षा उपकर लगाना भी शामिल है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां रेल भवन में एक कार्यक्रम के बाद बातचीत में ऐसे संकेत दिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे हर टिकट पर संरक्षा उपकर लगाने का कोई इरादा रखती है, प्रभु ने कहा कि बहुत से विकल्प हैं जिन पर विचार किया जा रहा है। प्रभु ने मुंबई में पश्चिम रेलवे के बोरीवली, अंधेरी, चर्चगेट, भयंदर, वसई, दादर आदि स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का किया शुभारंभ किया। उन्होंने पांच एफओबी के अलावा कांदीवली में बुकिंग कार्यालय और नालासोपारा में आरक्षण केंद्र का उद्घाटन किया।
गौरतलब है कि इस बार बजट में रेलवे को पांच साल के लिए एक लाख करोड़ का संरक्षा कोष बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है जिसमें 20 हजार करोड़ रुपए हर साल दिए जाने हैं। इन बीस हजार करोड़ रुपए में से दस हज़ार करोड़ रुपए वित्त विभाग सड़क संरक्षा कोष से बजटीय सहायता के रूप में देता है और शेष इतनी ही राशि रेलवे पर अपने वित्तीय संसाधनों से जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है जो बहुत आसान बात नहीं है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार रेलवे के किराया दरों में वृद्धि के अनेक फार्मूले सुझाए गए हैं। इनमें सभी श्रेणियों में एक समान दर से किराया बढ़ाना, आरक्षित श्रेणियों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली लाना, केवल स्लीपर एवं सामान्य अनारक्षित श्रेणी का किराया बढ़ाना, सभी टिकटों पर एक समान दर से संरक्षा उपकर लगाना आदि शामिल हैं।
भारतीय रेल विकास प्राधिकरण पर किराया दरें सुझाने की जिम्मेदारी होने की बात पर सूत्रों ने कहा कि प्राधिकरण को कार्मिक विभाग द्वारा अधिसूचित किया जाना है जिसके बाद उसके पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। प्राधिकरण के काम करने में काफी वक्त है इसलिए आगामी किराया दरें रेलवे बोर्ड ही बढ़ाएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मासिक/ त्रैमासिक आदि सीज़न टिकटों, पैसेंजर गाड़ियों और स्थानीय उपनगरीय सेवाओं के किरायों को भी संतुलित करने का विचार है। इस बारे में अनेक विकल्पों पर बातचीत हो रही है। (वार्ता)