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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 22 जून 2017 (11:16 IST)

मेक इन इंडिया को झटका, थलसेना ने खारिज की यह स्वदेशी राइफल...

मेक इन इंडिया को झटका, थलसेना ने खारिज की यह स्वदेशी राइफल... - Indian Navy rejects Made in India rifles for 2nd year in a row
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' को उस समय करारा झटका लगा जब खराब गुणवत्ता और गोलियां दागने की बेहद कमजोर क्षमता का हवाला देते हुए थल सेना ने देश में ही निर्मित राइफलों को खारिज कर दिया। इनसास राइफलों की जगह ऐसे ही हथियारों की खरीद पर थलसेना जल्द ही फैसला ले सकती है।
 
राइफल फैक्ट्री इशापुर की ओर से बनाई गई 7.62 51 मिमी की बंदूकें पिछले हफ्ते हुए फायरिंग परीक्षण में बुरी तरह असफल साबित हुई थी, जिसके बाद थलसेना ने इन राइफलों को खारिज करने का फैसला किया।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन बंदूकों में अत्यधिक खामियां थीं और थलसेना द्वारा इसे इस्तेमाल में तभी लाया जा सकता था जब इसके मैगजीन की पूरी डिजाइनिंग फिर से की जाती। सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के दौरान राइफलों में ज्यादा चमक और आवाज देखी गई। उन्होंने कहा कि हथियारों की विश्वसनीयता के पहलू के गहन विश्लेषण की जरूरत है।
 
उल्लेखनीय है कि थलसेना ने पिछले साल भी भारत में निर्मित 5.56 मिमी के एक्सकैलिबर बंदूकें स्वीकार करने से मना कर दिया था। थलसेना ने दलील दी थी कि ये राइफलें उसकी कसौटी पर खरी नहीं उतरती।
 
सशस्त्र बलों के लिए राइफलों की खरीद पर फैसला करने के लिए आज एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलायी जा रही है। बैठक में थलसेना की विशिष्ट जरूरतों पर चर्चा की जा सकती है। इस बैठक में रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों के अलावा थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं। (भाषा)