मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Indian economy will grow at the rate of 6-7 percent in 2023-24
Written By
Last Modified: रविवार, 20 नवंबर 2022 (13:38 IST)

मंदी की आशंका नहीं, 2023-24 में 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मंदी की आशंका नहीं, 2023-24 में 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था - Indian economy will grow at the rate of 6-7 percent in 2023-24
नई दिल्ली। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दुनिया के मंदी में जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच कहा है कि भारत इससे अछूता रहेगा। उन्होंने कहा कि अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित तो जरूर हो सकती है, लेकिन अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

कुमार ने कहा कि अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन की अर्थव्यवस्थाएं नीचे आ रही हैं। ऐसे में यह स्थिति आने वाले महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जा सकती है। उन्होंने कहा, अच्छी बात यह है कि भारत में मंदी की ऐसी कोई आशंका नहीं है, क्योंकि भले ही हमारी वृद्धि वैश्विक परिस्थितियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है, इसके बावजूद 2023-24 में हम 6-7 प्रतिशत की दर वृद्धि दर्ज करने में सफल रहेंगे।

विश्व बैंक ने 6 अक्टूबर को बिगड़ती अंतरराष्ट्रीय स्थिति का हवाला देते हुए 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। जून, 2022 में उसने भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अधिक अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है। ऊंची मुद्रास्फीति पर एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति संभवत: कुछ और समय के लिए 6-7 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।

उसके बाद, मेरा अनुमान है कि यह चरम पर जाने के बाद नीचे आना शुरू होगी। अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर अपने 19 माह के निचले स्तर पर आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (2 प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है।

कमजोर होते रुपए के आम आदमी पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि आम भारतीय बहुत अधिक संख्या में आयातित वस्तुओं और सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते हैं। शुक्रवार को रुपया 6 पैसे के नुकसान से 81.74 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

भारत के बढ़ते व्यापार घाटे पर कुमार ने कहा कि अक्टूबर में निर्यात वृद्धि नकारात्मक रही है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि देश को इस क्षेत्र में नीतिगत रूप से ध्यान देने की जरूरत है जिससे वस्तुओं और सेवाओं दोनों का निर्यात बढ़ाया जा सके।(भाषा) Edited by : Chetan Gour