शहीदों के बच्चों की फीस के भुगतान पर पाबंदी हटी
नई दिल्ली। सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए सशस्त्र सेनाओं के शहीदों, विभिन्न अभियानों में शारीरिक रूप से अक्षम हुए जवानों तथा अधिकारियों के बच्चों की स्कूल तथा कॉलेज की फीस के भुगतान पर लगाई सीमा को हटा दिया है और अब उन्हें पहले की तरह फीस नहीं देनी होगी।
दरअसल, सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर रक्षा मंत्रालय द्वारा इन बच्चों की फीस के भुगतान की सीमा 10,000 रुपए प्रतिमाह निर्धारित की थी। 10,000 रुपए से अधिक की फीस का भुगतान इन छात्रों को खुद करना था। इस फैसले की व्यापक स्तर पर आलोचना हुई थी और रक्षामंत्री ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
क्षा मंत्रालय ने यह मामला वित्त मंत्रालय के पास भेजा था और वहां से मंजूरी मिलने के बाद रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को आदेश जारी कर कहा कि इन छात्रों की फीस के भुगतान की सीमा हटा ली गई है। इससे विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे शहीदों के 3,000 से भी अधिक बच्चों को फायदा मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, सरकार के फीस भुगतान की सीमा तय करने से प्रतिवर्ष केवल 4 करोड़ रुपए की राशि की बचत हो रही थी तथा इसे ही ध्यान में रखते हुए सीमा निर्धारित करने के फैसले को वापस ले लिया गया। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि केवल सरकारी, सहायता प्राप्त और केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों तथा संस्थानों के छात्रों को ही इसका फायदा मिलेगा।
शहीदों के बच्चों की फीस माफ करने का निर्णय 1971 की लड़ाई के बाद 1972 में लिया गया था। बाद में 1990 तथा 2003 के आदेशों के आधार पर इसका दायरा बढ़ाकर विभिन्न अभियानों में शहीद होने वाले तथा शारीरिक रूप से अक्षम जवानों तथा अधिकारियों के बच्चों को भी इसमें शामिल किया गया। (वार्ता)