आम बजट में बढ़ सकती है आयकर की छूट सीमा
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। इस आम बजट से सामान्य वेतनभोगी वर्ग को उम्मीद है कि आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया जा सकता है। बजट-पूर्व सर्वे में सलाहकार कंपनी केपीएमजी (इंडिया) ने भी कहा है कि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर छूट की मौजूदा ढाई लाख रुपए की सीमा को आम बजट में बढ़ाया जा सकता है।
केपीएमजी (इंडिया) के सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि 10 करोड़ रुपए से अधिक सालाना आय वालों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से आयकर लगाया जा सकता है। 2019-20 के बजट से पहले किए गए इस सर्वे में विभिन्न उद्योगों के 226 लोगों की राय जानी गई थी।
सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय व्यक्त की कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपए से आगे बढ़ाया जाएगा, वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई करने वाले ‘सुपर रिच’ लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से टैक्स लगाने पर विचार कर सकती है। सर्वे में 13 प्रतिशत की राय थी कि विरासत कर को वापस लिया जा सकता है, जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि संपदा कर-एस्टेट शुल्क को पुन: लागू किया जाना चाहिए।
65 प्रतिशत लोगों का मानना था कि बजट में खुद रहने वाले मकान पर आवास ऋण पर दिए गए ब्याज पर टैक्स कटौती सीमा को 2 लाख रुपए से आगे बढ़ाया जा सकता है, वहीं 51 प्रतिशत ने कहा कि सरकार आवास ऋण की मूल राशि के पुनर्भुगतान पर धारा 80सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपए की कर छूट सीमा में से अलग राशि तय कर सकती है।
53 प्रतिशत लोगों का मानना था कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट में प्रत्यक्ष करों में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगी। 46 प्रतिशत का कहना था कि सभी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत नहीं किया जाना चाहिए। उद्योग मंडल कंपनी टैक्स रेट को कम करने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चुनाव पूर्व मोदी सरकार-1 ने अंतरिम बजट में आयकर की सीमा 2.50 लाख की सीमा बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। लोगों में इस बात को लेकर भी असमंजस है कि मोदी सरकार अपनी इस घोषणा को आम बजट में बरकरार रख सकती है या फिर इसमें कोई नया पेंच डाल सकती है।