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Last Updated : गुरुवार, 22 नवंबर 2018 (17:37 IST)

तेलंगाना में टीआरएस पार्टी सांसद श्रीनिवास रेड्डी के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों के कालेधन का खुलासा

तेलंगाना में टीआरएस पार्टी सांसद श्रीनिवास रेड्डी के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों के कालेधन का खुलासा - Income Tax Department's Raids
नई दिल्ली। आयकर विभाग के छापे (Income Tax department raids) में तेलंगाना के सांसद पी श्रीनिवास रेड्डी (TRS MP Srinivas Reddy) की कंपनी के पास 60.35 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा हुआ है। सांसद ने कुल 60.35 करोड़ की अघोषित आय की बात स्वीकार भी कर ली है।


आयकर विभाग ने लगातार कई ठिकानों पर चार दिनों तक छापेमारी कर कालेधन का खुलासा किया था। जिसके बाद उनसे जवाब-तलब किया था। दरअसल, टीआरएस सांसद रियल एस्टेट कंपनी चलाते हैं। उनकी कंपनी ने 60 करोड़ रुपए की अघोषित आय की बात स्वीकार की है। इस साल सितंबर में आयकर विभाग द्वारा कंपनी के खिलाफ कई छापेमारी के बाद उसने यह खुलासा किया है।

अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसद पी श्रीनिवास रेड्डी और उनके परिवार के सदस्य एवं साझीदार मेसर्स राघव कंस्ट्रक्शन्स नामक कंपनी के प्रमोटर हैं। आयकर विभाग ने कंपनी एवं उसके अधिकारियों के हैदराबाद, खमाम, गुंटूर, विजयवाड़ा, ओंगोल और कापड़ा स्थित 16 परिसरों पर 18 सितंबर को छापेमारी की थी। वह छापेमारी चार दिन तक चली थी।

120 करोड़ की करचोरी में फंस चुके हैं दिल्ली के मंत्री भी : दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत के ठिकानों पर पिछले महीने आयकर विभाग छापेमारी कर चुका है, जिसमें 120 करोड़ रुपए के टैक्स चोरी के खुलासे की बात आयकर विभाग कह चुका है। विभाग ने कहा था कि तलाशी में मिले कागजातों से जाहिर होता है कि मंत्री ने 120 करोड़ रुपए की कर चोरी की है।

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, हमें 120 करोड़ रुपए कर चोरी के साक्ष्य मिले हैं। अधिकारी ने बताया, गहलोत द्वारा कर चोरी की रकम एक अनुमानित आंकड़ा है। उन्होंने बताया कि मंत्री के परिसरों से बरामद दस्तावेजों से जाहिर होता है कि दफ्तरियों, चपरासियों और अन्य कर्मचारियों को कर्ज दिया गया है और अनेक फर्जी कंपनियों की हिस्सेदारी 70 करोड़ रुपए है।

अधिकारी ने बताया, हमें कर्मचारियों के नाम कई बेनामी जायदाद का पता चला है और एक ड्राइवर के नाम एक विशाल भूखंड है। अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग को गहलोत द्वारा दुबई में जायदाद में निवेश करने का सबूत मिला है। उन्होंने कहा, एक फर्जी कंपनी के निदेशक से कर्ज और करीब 20 करोड़ रुपए की प्रविष्टियों का पता चला है। इसके अलावा सामान्य वकालतनामा (जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी) के माध्यम से जायदाद में बड़े पैमाने पर निवेश के साक्ष्य मिले हैं।

हालांकि विभाग के प्रवक्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कुछ टिप्पणी करने से मना कर दिया। आयकर विभाग के अधिकारियों ने गहलोत और उनके परिवार के सदस्यों के वसंतकुंज, पश्चिम विहार, नजफगढ़ और गुरुग्राम स्थित 16 आवासीय परिसरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तलाशी ली। गहलोत परिवहन, कानून, राजस्व, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रशासनिक सुधार विभाग के मंत्री हैं।