Amritpal Singh arrested in Monga : कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था। अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है। बहरहाल पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि किस तरह अमृतपाल को मोगा के रोडा गांव स्थित गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने रोडे गांव में उसे घेर लिया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद 29 वर्षीय अमृतपाल को सुबह छह बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया।
गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत वारंट जारी किए गए थे और आज सुबह इन्हें तामील किया गया। कानून अपना काम करेगा। अमृतपाल सिंह को पिछले साल रोडे गांव में ही आयोजित एक कार्यक्रम में वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था और पुलिसकर्मियों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था, जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं बची थी। अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान चलाया।
पुलिस ने बताया कि उसने गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसमें प्रवेश नहीं किया जहां अमृतपाल मौजूद था। अमृतपाल के आत्मसमर्पण करने की खबरों पर सवाल पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि यह बिलकुल साफ है कि उसे चारों तरफ से घेरने के बाद गिरफ्तार किया गया। अमृतपाल को यह संदेश दिया गया था कि उसके भागने की कोई गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पूरे अभियान की योजना बनाई गई, जिस तरह की ठोस सूचनाएं थीं, जिस तरीके से गांव को घेरा गया...गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण था और वर्दी के साथ पुलिस अंदर नहीं जा सकती थी। जब उसे चारों तरफ से घेर लिया गया तो उसे यह पता चला जिसके बाद गिरफ्तारी संभव हुई। गुरुद्वारे के भीतर क्या हुआ और अंदर क्या कहा गया, इस पर कोई टिप्पणी करना अभी उचित नहीं है।
पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था। पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ सख्त रासुका लगाया था।
अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोकसेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
फरवरी में अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों में से कुछ लोग तलवार तथा बंदूक लहराते हुए अवरोधक तोड़कर अजनाला थाने में घुस गए थे तथा उनकी अपने एक साथी की रिहाई के लिए पुलिस से झड़प भी हुई थी।
अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को आव्रजन अधिकारियों ने गुरुवार को श्री गुरु राम दास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक दिया। वह लंदन जाने वाली उड़ान में चढ़ने की कोशिश कर रही थी। अमृतपाल सिंह ने इस साल फरवरी में ब्रिटेन की रहने वाली कौर से शादी की थी।
अमृतपाल सिंह पहले भी दो बार पुलिस को झांसा देकर फरार हो गया था। सबसे पहले वह 18 मार्च को जालंधर जिले में वाहन बदलकर भाग गया था। फिर होशियारपुर में 28 मार्च को वह फरार हो गया था। 28 मार्च को वह अपने प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह के साथ पंजाब लौटा था।
अमृतपाल के सलाहकार माने जाने वाले और कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में रहे पपलप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया है। फरार रहने के दौरान अमृतपाल के दो वीडियो और एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आई। 30 मार्च को सामने आए अपने दो वीडियो में से एक में अमृतपाल ने कहा कि वह भगोड़ा नहीं है और जल्द ही पेश होगा।
खालिस्तान समर्थक उपदेशक अमृतपाल ने दावा किया था कि वह उन लोगों की तरह नहीं है जो देश छोड़कर भाग जाएंगे। अकाल तख्त के जत्थेदार ने अमृतपाल को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने तथा जांच में सहयोग करने के लिए कहा था। (भाषा)