अबकी बार 50 पार...
वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव की गर्मी थी तो एक जुमला सामने आया था 'अबकी बार मोदी सरकार', कहीं-कहीं यह भी देखने में आया था कि 'अबकी बार 200 के पार'। उस समय यह आंकड़ा वाकई 200 के पार निकल गया था, लेकिन इस बार मौसम के तेवर देखते हुए लग रहा है कि 'अबकी बार पारा 50 के पार'। मार्च महीने में जिस तरह की गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए, उसे देखकर लग रहा है कि इस बार गर्मी लोगों की परेशानी ज्यादा ही बढ़ाएगी। मार्च महीने में ही देश के कई शहरों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर निकल गया। गर्मी के यही हालत तो अंदाजा लगाया जा सकता है आगे कहना मुश्किल है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 21 साल बाद मार्च में गर्मी का रिकॉर्ड टूट गया। खजुराहो में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि भोपाल में 31 मार्च को अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले 21 साल में मार्च के महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले वर्ष 1996 में भोपाल में मार्च में अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
मध्यप्रदेश की ही बात करें तो 31 मार्च को खजुराहो में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि इसके बाद नौगांव में 42.8 डिग्री सेल्सियस, दमोह में 42.5 डिग्री सेल्सियस, होशंगाबाद में 42.2 डिग्री सेल्सियस, शिवपुरी एवं सिवनी में 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ग्वालियर में 41.9 डिग्री सेल्सियस, जबलपुर में 41.1 डिग्री सेल्सियस एवं इंदौर में अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कमोबेश यहीं हाल गुजरात में भी है। गुजरात में गर्मी को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। गुजरात में अधिकतम तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया। नई दिल्ली में भी पिछले दो दिनों में अचानक से पारे में उछाल देखा गया। तापमान में करीब 10 डिग्री का उछाल आया है। सामान्य तापमान करीब 7 डिग्री तक बढ़ गया है।
महाराष्ट्र में भी गर्मी का कहर अभी से देखने को मिल रहा है। राज्य के कई शहरों में पारा 40 डिग्री पार कर गया। रायगढ़ जिले में अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री दर्ज किया गया। प्रचंड गर्मी के चलते महाराष्ट्र में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। चूंकि राज्य में गर्मियों में पेयजल का संकट भी देखने को मिलता है, ऐसे में कम पानी इस्तेमाल करने की अपील की है।