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Last Updated : बुधवार, 3 जुलाई 2024 (00:18 IST)

UP Hathras Stampede : क्या बाबा की धूल के कारण हुआ हाथरस हादसा, UP पुलिस को 'भोले बाबा' की तलाश

UP Hathras Stampede : क्या बाबा की धूल के कारण हुआ हाथरस हादसा, UP पुलिस को 'भोले बाबा' की तलाश - hathras stampede accident bhole babas car got covered in dust swampy soil and people got crushed
hathras stampede accident : उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में सिकंदराराऊ (Sikandrarao) कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग (Satsang) में मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों के मारे जाने की खबर है। मीडिया खबरों के मुताबिक भगदड़ मचने की वजह बाबा के चरणों की धूल थी।

 
उत्तरप्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया, जहां आज भगदड़ मच गई बताया जा रहा है कि सत्संग संपन्न होने के बाद लोगों में बाबा के चरणों की धूल माथे पर लगाने की होड़ मच गई। पंडाल में गर्मी और उमस भी काफी थी।

 
इसके चलते लोग जल्दबाजी में एक-दूसरे को धक्का देने लगे और भगदड़ मच गई। सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची एक महिला ने बताया कि हम कई लोग एक-साथ, एक ही गाड़ी में सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

 
भीड़ में सभी एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे, धक्का दे रहे थे जिसमें कुछ लोग दब गए। सत्संग समाप्त होने के बाद लोग बाहर निकल रहे थे, लेकिन भीड़ काफी थी और निकलने का रास्ता छोड़ा था। ऐसे में अचानक पीछे से धक्का लगा और लोग एक-दूसरे पर चढ़कर भागने लगे।
 
क्या बोले डीजीपी : हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ के बाद मुख्‍य सचिव मनोज कुमार सिंह प्रदेश के पुलिस महानिदेशक( डीजीपी) प्रशांत कुमार के साथ मौके पर पहुंचे।
सिंह ने से कहा कि भीड़-भाड़ हादसे के पीछे एक कारण है। 'भोले बाबा' (प्रवचनकर्ता) के वाहन के पीछे अनुयाई दौड़ रहे थे। यह भी कहा गया है कि लोग उनके जाने के बाद वहां की मिट्टी लेकर पूजा करते हैं। नतीजतन, लोग झुकने लगे और बाद में वे गिर गए जिससे भगदड़ मची।
 
जब उनसे पूछा गया कि कार्यक्रम में कितने लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी, तो उन्होंने कहा, "अनुमति संख्या के हिसाब से नहीं दी गई थी। लेकिन, कार्यक्रम के लिए) आवेदन में संख्या 80,000 बताई गई थी, पर यह उससे कहीं अधिक थी।
उन्होंने हताहतों का ब्योरा देते हुए कहा कि 116 लोगों में से 7 बच्चे, एक पुरुष और बाकी महिलाएं हैं। सिंह ने बताया कि 72 मृतकों की पहचान हो गई है। मृतकों के शव उनके परिजनों को भेजे जाएंगे।
 
उन्होंने यह भी बताया कि कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
सिंह के मुताबिक कार्यक्रम की अनुमति एसडीएम ने कुछ शर्तों के साथ आयोजकों को दी थी, जैसे कि आयोजकों को कार्यक्रम की व्यवस्था करनी होगी, लेकिन आयोजकों की ओर से कई चूक हुई है।
 
इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत दुखद और दिल दहला देने वाली है। सरकार और प्रशासन की मृतकों और उनके परिवारों के प्रति पूरी संवेदना है। मुख्यमंत्री हर घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता है कि घायलों को उचित और अच्छा इलाज मिले।
 
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कहा कि (कार्यक्रम के लिए) अनुमति एसडीएम साहब ने दी थी। इसका कितना पालन हुआ और क्या व्यवस्था नहीं की गईं, जांच के दौरान सभी चीजों पर गौर किया जाएगा। कुमार ने पत्रकारों को बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है और सभी दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
 
उन्होंने कहा कि जहां तक प्रशासनिक लापरवाही की बात है तो एडीजी जोन और अलीगढ़ की मंडलायुक्त द्वारा इसकी पूरी जांच की जाएगी और 24 घंटे के अंदर जो रिपोर्ट आएगी उस आधार पर शासन कार्रवाई करेगा।
प्रवचनकर्ता 'भोले बाबा' की गिरफ्तारी के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि यह जांच का विषय है और अभी हम तत्काल निष्कर्ष पर पहुंचकर किसी भी जांच को प्रभावित करना नहीं चाहते हैं। जांच का दायरा खुला है, जो भी तथ्‍य प्रकाश में आएंगे उस आधार पर कार्रवाई होगी।'(इनपुट एजेंसियां)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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