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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019 (15:02 IST)

CAB : पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की नागरिकता की राह आसान,पढ़े ग्राउंड रिपोर्ट

CAB : पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की नागरिकता की राह आसान,पढ़े ग्राउंड रिपोर्ट - Ground report : Hindu refugee view on  Citizenship Amendment Bill :
नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद पाकिस्तान से आए पाकिस्तान के शरणार्थी बेहद खुश है। गृहमंत्री अमित शाह के इस एलान के बाद कि CAB पूरे देश में लागू होगा के बाद मध्य प्रदेश के ऐसे हजारों शरणार्थी बेहद खुश है जो लंबे वक्त से नागारिकता की आस में भटक रहे थे।

पाकिस्तान से मनीष राजानी कहते हैं इस बिल से ऐसे अल्पसंख्यक जो लंबे समय पाकिस्तान में प्रताड़ित थे उनको काफी सहूलियत मिलेगी। 1991 में पाकिस्तान से भारत आए मनीष राजानी अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहते हैं कि पाकिस्तान से आए लोगों को नागारिकता के आवेदन के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी लेकिन अब नए बिल से उनको काफी साहूलियत मिलेगी।
 
भोपाल में पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राकेश कुकरेजा कहते हैं कि नए बिल से ऐसे लोगों नागरिकता मिलने में बहुत आसानी हो जाएगी जो एलटीवी (विशेष अनुमति ) लेकर देश में रहते है। वेबदुनिया से बातचीत में वह कहते हैं कि जब से नागरिकता देने संबंधी मामलों को निपटारा कलेक्टर स्तर से होने लगा तब से  ऐसे मामलों में 70 फीसदी तक कमी आई है। 
 
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में बड़ी संख्या में सिंधी समाज के ऐसे लोग रह रहे है जिन्होंने लंबे समय से भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से उनको नागरिकता नहीं मिल पाई थी।

सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष भगवान देव इसरानी नागरिकता संशोधन बिल को सिंधी समाज के लिए काफी अच्छा बताते हुए कहते हैं कि इससे सिंधी समाज के लोगों को बड़ी राहत मिली है। वह कहते हैं कि पाकिस्तान से आए ऐसे लोगों के पास कागजात, वीजा और पासपोर्ट की समय सीमा खत्म होने के चलते अवैध प्रवासी माना जाता था वह बताते हैं कि नागरिकता संशोधन बिल में एक नई धारा 6 ‘ब’ जोड़ी गई है जिससे कि अब ऐसे मामलों का निपटारा करते हुए उनको नागरिकता देने का रास्ता साफ कर दिया है। 
 
वह कहते हैं कि मध्य प्रदेश में करीब 5 से 6 हजार ऐसे मामले है जिनके अब जल्द निपटारा होने की उम्मीद बढ़ गई है। वह कहते हैं कि प्रदेश में ऐसे अधिकतर मामले इंदौर और भोपाल में लंबित है जो सालों से भारत में रह रहे है लेकिन उनको नागरिकता नहीं मिल पा रही थी।

वेबदुनिया से बातचीत में वह कहते हैं कि उन्होंने पूरे बिल को पढ़ा है उनकी नजर में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिससे कि किसी भी प्रकार के मुस्लिमों के हितों पर चोट पहुंचती हो। वह कहते हैं कि यह समझना होगा कि नागरिकता संशोधन बिल NRC से बहुत अलग है।  वह कहते हैं कि इस बिल को राजनीति से दूर रखना चाहिए।