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Last Updated :श्रीनगर , शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017 (10:03 IST)

जम्मू कश्मीर में बाढ़ का कहर, सड़कें बनी नदियां...

जम्मू कश्मीर में बाढ़ का कहर, सड़कें बनी नदियां... - Flood in Jammu Kashmir
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में भारी बारिश की वजह से बाढ़ से हालात नजर आ रहे हैं। सड़कों पर पानी भर गया है। बाढ़ के हालात से निपटने के लिए यहां सेना तैनात कर दी गई है। झेलम नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है। वहीं लद्दाख में  हिमस्खलन में लापता हुए बटालिक सेक्टर के तीन जवानों में से दो जवानों के शव मिल गए हैं। वहीं तीसरे जवान की तलाश अभी भी जारी है।
 
घाटी के राम मुंशी बाग में झेलम नदी का जलस्तर बाढ़ के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिसे देखते हुए अधिकारियों ने आपात नियंत्रण कक्षों का गठन किया है और बाढ़ ड्यूटी पर लगाए गए अधिकारियों को अपनी-अपनी नियुक्ति स्थल पर पहुंचने को कहा है।
 
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'लगातार बारिश के कारण राम मुंशी बाग में जलस्तर बाढ़ घोषित करने के स्तर, 18 फुट को पार कर गया है। झेलम नदी के आसपास के अवासीय क्षेत्रों और मध्य कश्मीर के निचले इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने को कहा गया है।' उन्होंने कहा कि मध्य कश्मीर में बाढ़ ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारियों से तुरंत अपनी-अपनी जगहों पर पहुंचने को कहा गया है।
 
उन्होंने कहा, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के संगम में शाम सात बजे जलस्तर 20.30 फुट था। यह बाढ़ घोषित करने के स्तर से महज 0.70 फुट कम है। घाटी में ज्यादातर जगहों पर हो रही तेज बारिश को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ की आशंका से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
 
पुलिस ने घाटी में चौबीसों घंटे की आपात हेल्प लाइन शुरू की है और अपने लोगों को किसी भी समस्या से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।
 
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, 'बाढ़ की स्थिति में लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए पूरी घाटी में आपात हेल्प लाइन शुरू की गयी है। यह नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे काम करेंगे।' मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए आज ही उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है।
 
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने संभागीय प्रशासन से कहा है कि वे मौसम खराब होने से उत्पन्न किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
 
महबूबा ने अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कश्मीर घाटी में बारिश तथा जलभराव के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों तथा तैयारियों की समीक्षा की।
 
उन्होंने अधिकारियों को विशेष निर्देश दिया कि वर्ष 2014 की बाढ़ के दौरान जिन जगहों की स्थिति ज्यादा खराब थी, उनपर विशेष नजर रखें। 2014 की बाढ़ ने घाटी में बहुत तबाही मचाई थी और सितंबर के महीने में डेंगू ने करीब 300 लोगों की जान ली थी।
 
मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, श्रीनगर में पिछले 24 घंटों में 83.9 मिलीमीटर वर्षा और बर्फबारी हुई है, जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में 69.9 मिलीमीटर वर्षा हुई है।