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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 27 मई 2024 (17:59 IST)

वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा- मोदी सरकार ने 10 साल में बजट को दिया नया रूप, करदाताओं के पैसे का होगा सही इस्‍तेमाल

Nirmala Sitharaman
Finance Minister's statement regarding the Union Budget : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले 10 साल में केंद्रीय बजट की रूपरेखा बदल दी है। पहले यह केवल खर्चों का लेखा-जोखा होता था लेकिन मोदी सरकार ने इसे लोगों के बीच समान वितरण के लिए एक रणनीतिक खाके में तब्दील किया है। उन्होंने कहा कि सरकार करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य तथा प्रभाव को अधिकतम करना जारी रखेगी ताकि इसका लाभ सभी तक पहुंचाने के लिए इसका सर्वोत्तम इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके।
 
करदाताओं की मेहनत की कमाई का सर्वोत्तम इस्तेमाल : वित्तमंत्री ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सुधारों की गति जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य तथा प्रभाव को अधिकतम करना जारी रखेगी ताकि इसका लाभ सभी तक पहुंचाने के लिए इसका सर्वोत्तम इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके।
सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी बजट प्रथाओं और आंकड़ों में पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है। पारदर्शी बजट वाले देशों को अक्सर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा अधिक अनुकूल नजरिए से देखा जाता है। इससे वैश्विक भरोसे में सुधार हो सकता है।
 
सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में लिखा, यह कांग्रेस नीत संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की ‘ऑफ-बजट’ उधारी और ‘ऑयल बॉन्ड’ जारी करने के जरिए घाटे को छिपाने की दोहराई जाने वाली प्रथा के बिल्कुल विपरीत है, जिसने कुछ हद तक राजकोषीय बोझ को भविष्य की पीढ़ियों पर स्थानांतरित कर दिया। संप्रग के तहत बजट आंकड़ों को अनुकूल दिखाने के लिए मानक राजकोषीय प्रथाओं को नियमित रूप से बदला गया।
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में पुरानी बाधाओं और प्रथाओं को पीछे छोड़ते हुए केंद्रीय बजट की विश्वसनीयता में काफी सुधार देखा गया है। सीतारमण ने कहा, हमारी सरकार ने बजट को केवल खर्चों के रिकॉर्ड से बदलकर समान विकास के रणनीतिक खाके में बदल दिया है। हम अपने करदाताओं से एकत्र किए गए प्रत्‍येक रुपए का विवेकपूर्ण और सही इस्तेमाल करते हैं। सार्वजनिक वित्त की पारदर्शी तस्वीर पेश करते हैं।
 
सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए किए कई सुधार : मंत्री ने कहा कि सरकार ने बजटीय प्रक्रिया और प्रथाओं को मजबूत करने और पारदर्शिता लाने के लिए कई सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 से बजट एक फरवरी को पेश किए जाने लगा। इससे व्यय चक्र प्रभावी रूप से दो महीने आगे बढ़ गया। इससे पहले बजट 28 फरवरी को पेश किया जाता था।
 
सीतारमण ने कहा कि स्वायत्त निकायों को समय पर धनराशि जारी करने के लिए ‘ट्रेजरी सिंगल अकाउंट’ (टीएसए) लाकर सरकारी व्यय में सुधार से केंद्र के लिए उधार लेने की लागत कम हो गई है। उन्होंने कहा, टीएसए की वजह से अब तक 15,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।
 
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए करीब 5.01 लाख करोड़ रुपए का बजट : सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के जरिए 108 केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) का संचालन करती है, जिसका बजट वित्त वर्ष 2024-25 के लिए करीब 5.01 लाख करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह 4.76 लाख करोड़ रुपए था। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत केंद्रीय बजट की विशेषता राजकोषीय विवेक, पारदर्शिता और समावेशिता है, जो सामाजिक विकास तथा बुनियादी ढांचे में निवेश सुनिश्चित करता है।
मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने, पारदर्शिता बढ़ाने और विकसित भारत की मजबूत नींव रखने के लिए जारी सुधारों को आगे बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, हम करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य तथा प्रभाव को अधिकतम करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि इसका सभी के लाभ के लिए सर्वोत्तम संभव इस्तेमाल किया जाए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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