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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024 (22:47 IST)

किसानों का दिल्ली मार्च 29 फरवरी तक टला, अब क्या होगी Farmers की अगली रणनीति?

शुभकरण की याद में कैंडल मार्च निकालेंगे किसान, 27 को किसान यूनियनों की बैठक

Farmers Protest
farmers Delhi march postponed till 29 February: शंभू और खनौली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों का दिल्ली मार्च अब 29 फरवरी तक स्थगित कर दिया गया है। इस बीच, 21 वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत से दुखी किसानों ने 24 फरवरी को कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया। किसानों की अगली रणनीति की घोषणा 29 फरवरी को की जाएगी। 
 
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शुभकरण की मौत से हम सभी ‍दुखी हैं। हमने निर्णय किया है कि 24 फरवरी को उसकी याद में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 
27 को किसान यूनियनों की बैठक : उन्होंने कहा कि 26 फरवरी को डब्ल्यूटीओ की बैठक से पहले 25 फरवरी को सेमिनार कर इस बात पर चर्चा करेंगे कि डब्ल्यूटीओ किसानों को किस तरह प्रभावित कर रहा है। इसी दिन किसान डब्ल्यूटीओ, कॉरपोरेट और सरकार का पुतला भी जलाएंगे। पंढेर ने बताया कि 27 फरवरी किसान यूनियनों की बैठक की जाएगी। 
 
‍किसानों पर आंसू गैस : पुलिस ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा की ओर बढ़ रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हिसार-नारनौंद रोड पर ये किसान खेरी चोपटा गांव से खनौरी सीमा जा रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने उन पर आंसूगैस के गोले दागे। किसानों का आरोप है कि उन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज भी किया और ट्रैक्टरों की हवा निकाल दी गई। 
किसान नेताओं ने खनौरी में झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद बुधवार को ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को दो दिनों के लिए रोक दिया था। उक्त घटना तब हुई जब किसानों ने अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की। 
 
फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
 
क्या हैं किसानों की मांगें : पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं। 
(एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 
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