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Last Updated : शुक्रवार, 25 नवंबर 2022 (23:13 IST)

आबकारी घोटाला, CBI के आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

आबकारी घोटाला, CBI के आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं - Excise scam, Manish Sisodia not named in CBI chargesheet
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार व्यापारियों- विजय नायर और अभिषेक बोनिपल्ली तथा 5 अन्य आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को अदालत में अपना पहला आरोप पत्र दाखिल किया। हालांकि इस आरोप पत्र दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। 
 
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक उसने मनीष सिसोदिया समेत प्राथमिकी में दर्ज अन्य लोगों के विरूद्ध जांच खुली रखी। उन्होंने बताया कि आरोप पत्र में नायर और बोनिपल्ली के अलावा जिनके नाम हैं, उनमें इंडिया एहेड न्यूज के प्रबंध निदेशक मूथा गौतम, हैदराबाद निवासी शराब कारोबारी एवं रोबिन डिस्टिलियरीज एलएलपी में बोनिपल्ली के साझेदार अरुण आर पिल्लई, इंडो स्पीरिट के मालिक समीर महेंद्रू और आबकारी विभाग के उपायुक्त कुलदीप सिंह तथा सहायक आयुक्त नरेंद्र सिंह शामिल हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि नायर एवं बोनिपल्ली को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, लेकिन हाल में एक विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। उनके अनुसार हालांकि वे प्रवर्तन निदेशालय के मामले में अब भी हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि 7 आरोपियों को भादंसं की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम में रिश्वतखोरी के प्रावधान के आरोपित किया गया है। सिसोदिया का नाम इस आरोपपत्र में नहीं है जबकि सीबीआई की प्राथमिकी में वह नामजद हैं।
 
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि लाइसेंसधारियों के साथ साजिश, पैसे के लेन-देन, व्यवसायिक समूह बनाने तथा राष्ट्रीय राजधानी में विवादास्पद आबकारी नीति के निर्माण एवं उसके क्रियान्वयन में व्यापक साजिश जैसे विभिन्न आरोपों संबंध में प्राथमिकी में नामजद आरोपियों एवं अन्य की भूमिका की जांच जारी है।
 
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई सरकारी गवाह बने सिसोदिया के एक कथित ‘करीबी’ दिनेश अरोड़ा की मदद से सारे गड़बड़झाले का पर्दाफाश करने में कामयाब रही। अरोड़ा ने मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया और उसे विशेष अदालत ने जांच में सहयोग करने को लेकर क्षमादान दिया था। सीबीआई ने इस साल अगस्त में 15 लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज करने के बाद कई स्थानों की तलाशी की थी।
 
प्रवक्ता ने कहा कि यह आरोप भी है कि आबकारी नीति में बदलाव, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने, लाइसेंस शुल्क में माफी/कमी, बिना मंजूरी के एल-1 लाईसेंस देने समेत कई अनियमितताएं की गई। साथ ही, यह आरोप भी है कि इन कृत्यों के एवज में निजी पक्षों ने अपने खाता-बही में झूठी प्रविष्टियां कर संबंधित जनसेवकों को अवैध लाभ पहुंचाया।’’
 
आबकारी घोटाला मामला फर्जी : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति घोटाला मामले को 'फर्जी' करार दिया और आरोप लगाया कि इसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाने का प्रयास किया गया, जबकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को अपनी जांच में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला।
 
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि सीबीआई आरोपपत्र में मनीष का नाम नहीं। पूरा मामला फर्जी। छापे में कुछ नहीं मिला। 800 अफसरों को 4 महीने की जांच में कुछ नहीं मिला। मनीष ने शिक्षा क्रांति से देश के करोड़ों गरीब बच्चों को अच्छे भविष्य की उम्मीद दी। मुझे दुःख है ऐसे शख्स को झूठे केस में फंसाकर बदनाम करने की साज़िश रची गई। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra singh Jhala