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Last Modified: बुधवार, 31 जुलाई 2019 (21:52 IST)

मोदी के मंत्री का बड़ा बयान, ई-कॉमर्स में मिलेगा 10 लाख लोगों को रोजगार

मोदी के मंत्री का बड़ा बयान, ई-कॉमर्स में मिलेगा 10 लाख लोगों को रोजगार - employment to 10 lakhs in e-commerce
नई दिल्ली। वित्त एवं कंपनी मामलों के केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि देश में जिस तेजी से ई-कॉमर्स  कारोबार बढ़ रहा है उसके वर्ष 2022 तक बढ़कर 100 अरब डॉलर पर पहुंचने और उस समय तक इसमें 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।
 
मोदी सरकार  में  मंत्री ठाकुर ने यहां भारतीय कलाकारों, बुनकरों और शिल्पियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट द्वारा शुरू किए गए ‘समर्थ’ को लाँच करते हुए कहा कि अब देश में ई कॉमर्स में टियर 2 और तीन के शहरों के बल पर तेजी आने वाला है क्योंकि इन क्षेत्रों में इंटरनेट के उपयोग में जबदरस्त तेजी आ रही है।
 
उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट द्वारा शुरू किए गए समर्थ से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के कलाकारों, शिल्पियों और बुनकरों को अपने उत्पादों को डिजिटल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहुंचने में मदद मिलेगी। उन्होंने फ्लिपकार्ट को हिमाचल प्रदेश के कलाकारों, शिल्पियों और बुनकरों को भी समर्थ से जोड़ने की अपील की। इस मौके पर सांसद संजय काका पाटिल और अणासाहेब जोएल भी उपस्थित थे।
 
फ्लिपकार्ट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि उनकी कंपनी की इस पहल से समाज के इस कम सुविधाप्राप्त तबके की पहुंच देशव्यापी बाजारों तक होगी और वे 15 करोड़ से अधिक वाले कस्टमर आधार तक पहुंचकर ई-कॉमर्स मॉडल का लाभ उठा सकते हैं।
 
‘फ्लिपकार्ट समर्थ’ सिर्फ मार्केट एक्सेस उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह कलाकारों शिल्पियों को ऑनलाइन बिक्री की प्रक्रिया से पूरी तरह परिचित होने तक उनका मार्गदर्शन करेगी। इसके तहत उन्हें इस ई-कॉमर्स साइट से जुड़ने, कैटलाग तैयार करने, एकाउंट मैनेजमेंट, सैलर सपोर्ट, पात्र होने पर कमीशन की कम दर तथा वेयरहाउसिंग सपोर्ट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
 
उन्होंने कहा कि ‘फ्लिपकार्ट समर्थ’ प्रतिष्ठित एनजीओ तथा सरकारी संगठनों और आजीविका पर केंद्रित निकायों के साथ काम करेगा ताकि अधिकाधिक ग्रामीण उद्यमियों तक पहुंचा जा सके। इसका ज़ोर महिला-केंद्रित उद्यमों, विकलांग उद्यमियों, शिल्पियों, बुनकरों पर रहेगा जिन्हें कामकाजी पूंजी, कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर और उचित प्रशिक्षिण न होने जैसी परेशानी पेश आती हैं।
 
फ्लिपकार्ट ने पूरी प्रक्रिया के इन कमजोर बिंदुओं का आकलन करने के अलावा इन समूहों की आकांक्षाओं को समझते हुए ‘फ्लिपकार्ट समर्थ’ तैयार किया है जिससे इन समस्यओं को दूर कर इस समूह को ऑनलाइन बाज़ार से जोड़ा जा सकेगा।